म्हारो छोटो सो परिवार थासु विनती बारम्बार

म्हारो छोटो सो परिवार थासु विनती बारम्बार

म्हारो छोटो सो परिवार,थासु विनती बारम्बार
म्हारे,आंगने में सुख बरसाता रहीज्यो श्याम
बारहो महीना म्हाने खाटू बुलाता रहीज्यो श्याम
म्हारो छोटो सो परिवार...........

थे हो महारा,म्हे हां थारा,सारो जग जाने हे
थारी म्हारी प्रीत न या, दुनिया पिछाने हे
थारे टाबरिया नादान न,निभाता रहीज्यो श्याम
म्हारो छोटो सो परिवार...........

मंदरिया में आके सारी,चिंता भूल जावा म्हे
सेवा थारी करके बाबा,घणो सुख पावा म्हे
थारे टाबरिया से सेवा थे,करवाता रहीज्यो श्याम
म्हारो छोटो सो परिवार...........

छोटी सी या अर्जी म्हारी,मत ना ठुकरावोजी
थारे सु या अर्जी हे बाबा,मतना बिसराओजी
म्हारे आंखड़ल्यारी प्यास ने,बुझाता रहीज्यो श्याम
म्हारो छोटो सो परिवार...........
 


इस भजन में श्री श्यामजी के प्रति अटूट श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का भाव प्रकट किया गया है। भक्त अपने छोटे से परिवार के लिए उनकी कृपा की याचना करता है, क्योंकि वह जानता है कि उनकी कृपा से जीवन में सुख, शांति और स्थिरता आती है। खाटूधाम की पवित्रता और श्री श्यामजी की उपस्थिति भक्तों को आत्मिक संतोष और आनंद प्रदान करती है।

भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्री श्यामजी ही जीवन के सच्चे सहारा हैं। उनकी कृपा से भक्तों की समस्त चिंता समाप्त हो जाती है और वे उनकी सेवा में अपने मन को तृप्त कर लेते हैं। सेवा और समर्पण की भावना इस भजन की आत्मा है, जिसमें भक्त अपने जीवन के हर क्षण को श्री श्यामजी के चरणों में अर्पित करने की प्रार्थना करता है।

जब भक्त सच्चे मन से श्री श्यामजी की शरण में आता है, तब वह सांसारिक मोह-माया से मुक्त होकर उनकी कृपा के दिव्य प्रकाश में प्रवेश करता है। उनकी भक्ति से जीवन में संतुलन और आध्यात्मिक स्थिरता आती है, जिससे आत्मा को सच्ची शांति की अनुभूति होती है।

यही इस भजन का संदेश है—श्रद्धा, प्रेम और भक्ति से श्री श्यामजी की कृपा प्राप्त करना और उनकी उपासना से आत्मा को परम आनंद और शांति से भर देना। जब भक्त उनकी सेवा और भक्ति में रम जाता है, तब उसे जीवन में सच्ची स्थिरता और सुख प्राप्त होता है।

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