खाटू जाकर के देख हर काम बनेगा

खाटू जाकर के देख हर काम बनेगा

खाटू जाकर के देख,
हर काम बनेगा,
तेरी हर मुश्किल विपदा,
मेरा श्याम हरेगा,
रहेगा साथ तेरे सांवरियां,
चलेगा साथ तेरे सांवरियां,
खाटू जा कर के देख,
हर काम बनेगा।

मतलब की दुनिया में,
बस यही है अपना,
सच कर देगा बाबा,
तेरा हर सपना,
जब भी बुलाए आये दौड़ा,
आएगा हर मुश्किल में,
तेरा साथ निभायेगा,
तेरे मन की हर इक बात,
मेरा श्याम सुनेगा,
खाटू जा कर के देख,
हर काम बनेगा।

जिसे सुन कर दिल खुश हो,
वही बात कहेगा,
रहेगा साथ तेरे सांवरियां,
चलेगा साथ तेरे सांवरियां,
खाटू जा कर के देख,
हर काम बनेगा।

जब जब श्याम को तेरी याद सतायेगी,
तुझसे मिलने की ईच्छा बढ़ जायेगी,
खुद सांवरिया तुझको खाटू भुलायेगा,
कुछ अपनी कुछ तेरे दिल की,
बताएगा बात बताएगा,
खाटू जा कर के देख,
हर काम बनेगा।

इसे दिल में वसा कर देख दिलदार बनेगा,
अपनों से बढ़ कर तुझे यहाँ प्यार मिलेगा,
रहेगा साथ तेरे सांवरियां
चलेगा साथ तेरे सांवरियां,
खाटू जा कर के देख,
हर काम बनेगा।

स्वर्ग से सूंदर खाटू का नजारा है
हर प्रेमी यहाँ श्याम का दुलारा है,
श्याम का जादू जब से विकास पे
चढ़ने लगा मन का पंक्षी
झूम उठा दिल ये कहने लगा,
जब श्याम किरपा का रंग
तुझपे चढ़ने लगेगा
हर प्रेमी से मिल कर यही बात तू कहेगा,
रहेगा साथ तेरे सांवरियां
चलेगा साथ तेरे सांवरियां,
खाटू जा कर के देख,
हर काम बनेगा। 

सुन्दर भजन में श्रीश्यामजी की कृपा और उनकी अनंत शक्ति का भाव प्रकाशित किया गया है। खाटू धाम केवल एक स्थान नहीं, बल्कि यह भक्तों के विश्वास और समर्पण का केंद्र है, जहाँ जाने से हर कष्ट समाप्त हो जाता है। जब कोई श्रद्धा और प्रेम से खाटूधाम की ओर बढ़ता है, तब उसे श्रीश्यामजी की कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है।

श्यामजी का प्रेम अपार है—जो भी सच्चे मन से उन्हें पुकारता है, उनकी कृपा से उसके जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं। उनका आशीर्वाद केवल संकटों को हरने तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मा को निर्मल करने और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करने का एक दिव्य माध्यम भी है। जब भक्त श्यामजी का सुमिरन करता है, तब उसके भीतर भक्ति और श्रद्धा का प्रकाश प्रकट होता है।

भजन का भाव यह दर्शाता है कि श्रीश्यामजी केवल संकटों से मुक्त करने वाले देव नहीं, बल्कि वे प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी हैं। जब कोई सच्चे हृदय से उनकी आराधना करता है, तब उसे उनकी कृपा से आत्मिक संतोष और शांति प्राप्त होती है। उनकी भक्ति से भक्त का मन दिव्य माधुर्य से भर जाता है, जिससे वह समस्त सांसारिक मोह-माया को त्यागकर केवल श्रीश्यामजी के प्रेम में रम जाता है।

श्रीश्यामजी की उपासना से जीवन में दिव्यता और शांति का संचार होता है। जब कोई प्रेमपूर्वक उनकी भक्ति करता है, तब उसकी आत्मा ईश्वरीय कृपा से भर जाती है और सभी विघ्न समाप्त हो जाते हैं। यही इस भजन का दिव्य संदेश है—श्रद्धा, प्रेम और समर्पण से श्रीश्यामजी की कृपा को प्राप्त करना और उनके नाम के सुमिरन से आत्मा को अनंत आनंद और शांति की अनुभूति कराना। यही भक्ति का सजीव स्वरूप है, जिसमें भक्त अपने मन, आत्मा और जीवन को पूर्ण रूप से श्रीश्यामजी को अर्पित करता है।

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