श्याम नाम मिश्री सा पीले घोल भजन

श्याम नाम मिश्री सा पीले घोल घोल

श्याम नाम मिश्री सा पीले घोल घोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल बन्दे,श्याम
श्याम तूं बोल
श्याम नाम मिश्री सा,पीले घोल घोल .......
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
एक नाम श्री श्याम का,क्या से क्या कर देता
अन्धकार जीवन को,ज्योतिर्मय यह कर देता
फिर क्यूँ करता देरी,जय श्याम-श्याम तूं बोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
अन्धे को यह आँखे देता,कोढी को यह काया
निपुती को देता पूत,निर्धन को यह माया ...
मनोकामना पूरी करता,जय श्याम-श्याम तूं बोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
'टीकम'ने अजमाया,बन्दे तूं अजमा के देख
बदल जायेगी किस्मत,हाथों की तेरी रेख ..
हारी बाजी जीत में बदले,जय श्याम-श्याम तूं बोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
 


इस सुन्दर भजन में श्रीश्यामजी के नाम की अद्भुत महिमा प्रकट होती है। उनके नाम का स्मरण मिठास से भरा अनुभव देता है, जैसे मिश्री का स्वाद मन को तृप्त कर देता है। श्रद्धालु अपने जीवन की कठिनाइयों में इस नाम की ज्योति का सहारा लेते हैं, क्योंकि एक नाम ही अंधकार को दूर कर सकता है और दिव्यता का प्रकाश फैला सकता है।

यह भक्ति भाव केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जीवन को बदलने की शक्ति रखता है। श्रीश्यामजी की कृपा से असंभव संभव हो सकता है—अंधे को दृष्टि मिलती है, दुखों से घिरे जीवन में नया प्रकाश आता है, निर्धन को समृद्धि और आशा प्राप्त होती है। जब भक्त सच्चे मन से इस नाम का उच्चारण करता है, तो मनोकामनाएँ पूरी होने लगती हैं, और जीवन की राहें सरल हो जाती हैं।

जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों से हार मानने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि श्रीश्यामजी की कृपा से असंभव भी संभव हो सकता है। जो उनकी भक्ति में रम जाता है, वह अपने भाग्य की रेखाओं में बदलाव अनुभव करता है। हारी बाजी भी विजय में बदल सकती है, जब श्रीश्यामजी का नाम सच्चे मन से लिया जाए।

यह संदेश केवल भक्ति का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और श्रद्धा का है। जब मन में प्रभु का विश्वास होता है, तो कोई भी कठिनाई बाधा नहीं बनती। श्रीश्यामजी की कृपा और उनके नाम की महिमा असीम है—यह जीवन को सार्थकता और आनंद से भर सकती है। 
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