लीला लेजा मेरा सन्देश कहना बाबा

लीला लेजा मेरा सन्देश कहना बाबा से

लीला लेजा मेरा सन्देश,कहना बाबा से
लीला लेजा मेरा सन्देश,कहना बाबा से
बैठा भक्त तेरा परदेश,कहना बाबा से..
बाबा से मेरे बाबा से ..!!लीला लेजा ...
बाबा बुलाता नहीं,लेता रहा कर खबर
करना गुजारीश मेरी,बाबा से रखे महर
मुझे देते रहे निर्देश,कहना बाबा से ....
लीला लेजा मेरा सन्देश.....
जमाने की नज़रें बुरी, मैं क्यों उनसे डरूं.....
रहे बाबा की नज़रें मेरी,फिर परवाह नहीं मैं करूँ
रके ऐसा ही परिवेश ,कहना बाबा से ...........
लीला लेजा मेरा सन्देश.....
कुछ मेरी है मजबूरी,,कुछ ढलती उमर का है दोष.....
लीला करना नहीं देरी, मन्दा 'टीकम' की आहों का जोश
बुलाते रहें अपने देश,कहना बाबा से
लीला लेजा मेरा सन्देश.....
लीला लेजा मेरा सन्देश,कहना बाबा से
बैठा भक्त तेरा परदेश,कहना बाबा से..
बाबा से मेरे बाबा से ....
लीला लेजा मेरा सन्देश...
 

 
सुंदर भजन में भक्त का हृदय बाबा के लिए तड़प और समर्पण से भरा है। परदेश में बैठा भक्त उनकी कृपा की आस लिए पुकारता है, जैसे प्यासा जल के लिए तरसता है। यह उदगार है कि बाबा की नजर जब तक साथ है, संसार की बुरी नजरों का भय नहीं सताता।

भक्त की मजबूरी और ढलती उम्र उसे बाबा के दर्शन की ओर और प्रबलता से खींचती है। वह चाहता है कि बाबा की कृपा का निर्देश और महर सदा बनी रहे, ताकि जीवन का हर पल उनके चरणों में बीते। यह भक्ति का भाव है कि प्रभु की शरण में ही सच्चा सुकून और आनंद है, जो आत्मा को संसार के बंधनों से मुक्त कर देता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post