खाटूवाले श्याम के दरबार में आया

खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार

खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,
सारे कष्ट मिटे उसका मिल गई तेरी शरण,
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,

तुम ही हो पालनहार तुम से है सारा संसार ,
कोई जाये न दर से खाली तेरी महिमा अप्रम पार,
मेरी भी करुणा पुकार सुन ले दिल से करू फरियाद ,
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार

तुम देवो के देव हो हारे सहारे ,
तू कर दे नजरे कर्म की मुझपे करू विनती बाराम वार,
जग के पालन हार अब तो सुन ले फरियाद
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,

हार के आया हु सावरे अब तो थामो मेरा हाथ
कहता जग तुम्हे हारे का सहारा खाटूवाला श्याम हमारा
दास अविनाश भी हारा आकर दो आसरा अब मुझे भी
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार


 
सुन्दर भजन “खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार” में खाटू श्याम जी के प्रति भक्त की अटूट श्रद्धा और उनके दरबार की अपार महिमा का हृदयस्पर्शी चित्रण है। श्रीकृष्ण के सांवरिया रूप, खाटू श्याम, के दर पर जो भक्त एक बार भी आता है, उसके सारे कष्ट मिट जाते हैं और उसे उनकी शरण प्राप्त हो जाती है। यह भजन दर्शाता है कि श्याम बाबा का दरबार वह पावन स्थल है, जहाँ हर पुकार सुनी जाती है, जैसे एक माता अपने बच्चे की हर पुकार पर दौड़ती है। यह उद्गार सिखाता है कि सच्ची भक्ति और विश्वास के साथ प्रभु की शरण में जाने से जीवन की हर मुश्किल आसान हो जाती है।

भक्त श्याम बाबा को जग का पालनहार और देवों का देव मानता है, जिनकी महिमा अपरंपार है। वह कहता है कि कोई भी उनके दर से खाली नहीं लौटता, और उनकी कृपादृष्टि से हर हारा हुआ व्यक्ति सहारा पाता है। अविनाश जैसे भक्त, जो हारकर उनके दर पर आया है, अपनी फरियाद और करुणा की पुकार के साथ उनके चरणों में आसरा माँगता है। जैसे सूरज की किरणें अंधेरे को मिटाती हैं, वैसे ही श्याम बाबा की कृपा भक्त के जीवन से दुख और संकट को दूर कर शांति और सुख प्रदान करती है। यह भाव प्रदर्शित करता है कि खाटूवाले श्याम का दरबार हर भक्त के लिए कृपा और प्रेम का असीम सागर है, जहाँ एक बार आने से ही जीवन धन्य हो जाता है।
 
Next Post Previous Post