खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार लिरिक्स Khatu Wale Shyam Ke Darbar Me Lyrics


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खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार लिरिक्स Khatu Wale Shyam Ke Darbar Me Lyrics

खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,
सारे कष्ट मिटे उसका मिल गई तेरी शरण,
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,

तुम ही हो पालनहार तुम से है सारा संसार ,
कोई जाये न दर से खाली तेरी महिमा अप्रम पार,
मेरी भी करुणा पुकार सुन ले दिल से करू फरियाद ,
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार

तुम देवो के देव हो हारे सहारे ,
तू कर दे नजरे कर्म की मुझपे करू विनती बाराम वार,
जग के पालन हार अब तो सुन ले फरियाद
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार,

हार के आया हु सावरे अब तो थामो मेरा हाथ
कहता जग तुम्हे हारे का सहारा खाटूवाला श्याम हमारा
दास अविनाश भी हारा आकर दो आसरा अब मुझे भी
खाटूवाले श्याम के दरबार में आया जो इक बार

क्यों माँग लिया था श्री कृष्णा ने बर्बरीक का शीश ? बर्बरीक के पास अत्यंत ही शक्तिशाली तीर थे. जो दिव्य शक्तियों से पूर्ण थे वे महाभारत में उस पक्ष की ओर से लड़ना चाहते थे जो हारने वाला था. भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक का सिर मांग कर पूरे युद्ध का नक्शा ही बदल दिया. आखिर क्यों श्री कृष्ण में बरबरी का सर मांगा. बर्बरीक बचपन से ही उपासक प्रवृत्ति के थे. उन्होंने कामाख्या देवी की पूजा करके वरदान प्राप्त कर लिया था कि उन्हें युद्ध में कोई नहीं हरा सकता है. माता कामाख्या देवी ने ही उन्हें ऐसे शक्तिशाली तीर दिए थे जिनके चलाने पर संपूर्ण शत्रु सेना का विनाश किया जा सकता था. जब भगवान श्री कृष्ण को इस बारे में पता चला कि बर्बरीक हारने वाले पक्ष की ओर से लड़ेंगे श्री कृष्ण तुरंत ही बर्बरीक के पास पहुंच गए. श्री कृष्ण ने बर्बरीक की तीनों को व्यर्थ करने के लिए एक युक्ति का प्रयोग किया. श्री कृष्ण ने कहा कि तुम्हारे एक तीर से सामने खड़े पेड़ के सभी भक्तों को चीर देना है बर्बरीक ने तीर चलाया और वह तीर सभी पदों को चीरता हुआ निकल गया श्रीकृष्ण ने एक पत्ता अपने पांव के नीचे दबा लिया यह सोच कर कि वह प मत बोलोत्ता तीर से बच जाएगा लेकिन वह तीर श्री कृष्ण के पांव के पास आकर के रुक गया तब बर्बरीक ने कहा मेरा तीर पत्तों को चीर ने के लिए है आप अपना पांव हटाइए श्री कृष्ण इस बात से बहुत ही ज्यादा चिंतित हो गई और उन्होंने एक और युक्ति आजमाई. अगले रोज श्री कृष्ण ब्राह्मण का वेश बनाकर बर्बरीक की कुटिया पर पहुंचे तब बर्बरीक ने ब्राह्मणों की वेश धारण किए श्री कृष्ण से पूछा कि उन्हें क्या चाहिए अपनी बातों में फंसा कर श्री कृष्ण ने बर्बरीक का शीश राज्य के जिले के खाटूश्यामजी में बाबा का भव्य मंदिर है जहां देश विदेश से लोग बाबा के चरणों में अपना सर झुकाने आते हैं मांग लिया बर्बरीक ने अपने वचनों का पालन करते हुए अपने शीश देने की हामी भर दी उन्होंने श्री कृष्ण से निवेदन किया कि उनकी इच्छा है कि वह महाभारत का युद्ध देखें तब श्री कृष्ण ने उन्हें वचन दिया कि वे उनका शीश ऊंची चोटी पर रख देंगे जहां से वह पूरा युद्ध देख सकेंगे श्री कृष्ण ने बर्बरीक के दान से खुश होकर उन्हें यह वरदान दिया कलयुग में उन्हें श्याम के नाम से जाना जाएगा. आज सीकर जिले के खाटूश्यामजी में बाबा का भव्य मंदिर है जहां पर श्रद्धालु दूर दूर से बाबा के चरणों में अपना मस्तक दुखाने के लिए आते हैं जय बाबा खाटू श्याम जी की. 


Khaatoovaale Shyaam Ke Darabaar Mein Aaya Jo Ik Baar,
Saare Kasht Mite Usaka Mil Gaee Teree Sharan,
Khaatoovaale Shyaam Ke Darabaar Mein Aaya Jo Ik Baar,

Tum Hee Ho Paalanahaar Tum Se Hai Saara Sansaar ,
Koee Jaaye Na Dar Se Khaalee Teree Mahima Apram Paar,
Meree Bhee Karuna Pukaar Sun Le Dil Se Karoo Phariyaad ,
Khaatoovaale Shyaam Ke Darabaar Mein Aaya Jo Ik Baar

Tum Devo Ke Dev Ho Haare Sahaare ,
Too Kar De Najare Karm Kee Mujhape Karoo Vinatee Baaraam Vaar,
Jag Ke Paalan Haar Ab To Sun Le Phariyaad
Khaatoovaale Shyaam Ke Darabaar Mein Aaya Jo Ik Baar,

Haar Ke Aaya Hu Saavare Ab To Thaamo Mera Haath
Kahata Jag Tumhe Haare Ka Sahaara Khaatoovaala Shyaam Hamaara
Daas Avinaash Bhee Haara Aakar Do Aasara Ab Mujhe Bhee
Khaatoovaale Shyaam Ke Darabaar Mein Aaya Jo Ik Baar

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