कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नही नाचदा
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नही नाचदा
(मुखड़ा)
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नहीं नाचता,
धरती चाँद सितारे नाचते सारे भगत प्यारे नाचते।
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नहीं नाचता,
धरती चाँद सितारे नाचते सारे भगत प्यारे नाचते।
राधा नाचती मीरा नाचती सारा आलम तकता।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(अंतरा)
धुर दरगाहों आई मुरली जब होठों ने लगाई मुरली,
गीत प्रभु के गाई मुरली, हूक देती है सच का।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(अंतरा)
मनमोहन घनश्याम तू है ईश्वर अल्लाह, राम भी तू है,
उस मालिक का नाम भी तू है जो सबमें बसता।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(अंतरा)
लाल ओढ़नी वाला कहता, कृष्ण जो तेरा नाम लेता,
दुनिया का हर सुख पा लेता, काख से बन जाए लाख का।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(पुनरावृत्ति)
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नहीं नाचता।।
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नहीं नाचता,
धरती चाँद सितारे नाचते सारे भगत प्यारे नाचते।
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नहीं नाचता,
धरती चाँद सितारे नाचते सारे भगत प्यारे नाचते।
राधा नाचती मीरा नाचती सारा आलम तकता।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(अंतरा)
धुर दरगाहों आई मुरली जब होठों ने लगाई मुरली,
गीत प्रभु के गाई मुरली, हूक देती है सच का।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(अंतरा)
मनमोहन घनश्याम तू है ईश्वर अल्लाह, राम भी तू है,
उस मालिक का नाम भी तू है जो सबमें बसता।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(अंतरा)
लाल ओढ़नी वाला कहता, कृष्ण जो तेरा नाम लेता,
दुनिया का हर सुख पा लेता, काख से बन जाए लाख का।
कृष्णा तेरी मुरली ते।।
(पुनरावृत्ति)
कृष्णा तेरी मुरली ते भला कौन नहीं नाचता।।
Feroz Khan !! कृष्णा तेरी मुरली ते भला कोण नहीं नचदा
Krshna Teree Muralee Te Bhala Kaun Nahee Naachada,
Dharatee Chan Sitaare Naachde Saare Bhagat Pyaare Naachde,
Krshna Teree Muralee Te Bhala Kaun Nahee Naachada,
Dharatee Chan Sitaare Naachde Saare Bhagat Pyaare Naachde,
Raadha Nachadee Meera Nachadee Saara Aalam Takada,
Krshna Teree Muralee Te .....................
Dharatee Chan Sitaare Naachde Saare Bhagat Pyaare Naachde,
Krshna Teree Muralee Te Bhala Kaun Nahee Naachada,
Dharatee Chan Sitaare Naachde Saare Bhagat Pyaare Naachde,
Raadha Nachadee Meera Nachadee Saara Aalam Takada,
Krshna Teree Muralee Te .....................
कृष्ण की मुरली की मधुर तान सृष्टि को नृत्य में झुमा देती है। धरती, चाँद, सितारे, भक्त—सब उनके राग में मगन। राधा का प्रेम, मीरा की भक्ति, सारा आलम उनकी तान का दीवाना। मुरली जब होठों से लगती है, प्रभु के गीत गूँजते हैं, सत्य की हूक दिल को छूती है। मनमोहन, घनश्याम, राम, अल्लाह—सबमें वही एकमात्र सत्ता बस्ती है। उनका नाम जपने वाला साधक दुनिया के सुख पाता, जैसे रेत का कण मोती बन जाए। मुरली की धुन मन को बाँधती, प्रेम और भक्ति का सागर उमड़ाती। यह कृष्ण भक्ति का उत्सव है, जहाँ नाम और राग में डूबकर साधक संसार के बंधनों से मुक्त, ईश्वर के रंग में रंग जाता है।
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