साधु लडे रे शबद के ओटै लिरिक्स Sadhu Lade Shabad Ke Oute Lyrics Rattinath Ji Bhajan

साधु लडे रे शबद के ओटैलिरिक्स Sadhu Lade Shabad Ke Oute Lyrics Rattinath Ji Bhajan Lyrics Hindi


Latest Bhajan Lyrics

साधु लडे रे शबद के ओटै,
तन पर चोट कोनी आयी मेरा भाई रे,
साधा करी है लड़ाई, ओजी म्हारा गुरु ओजी॥
ओजी गुरुजी, पाँच पच्चीस चल्या पाखारिया आतम करी है चढ़ाई ।
आतम राज करे काया मे, ऐसी ऐसी अदल जमाई ॥
ओजी गुरुजी, सात शबद का मँड्या है मोरचा, गढ़ पर नाल झुकाई ।
ग्यान का गोला लग्या घट भीतर, भरमाँ की बुरज उड़ाई ॥
ओजी गुरुजी, ज्ञान का तेगा लिया है हाथ मे, करमा की कतल बनाई ।
कतल कराइ भरमगढ़ भेल्या, फिर रही अलख दुहाई ॥
ओजी गुरुजी, नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, लाला लगन लखाई ।
भानी नाथ शरण सतगुरु की, खरी नौकरी पाई ॥


साधु लडे रे शबद के ओटैलिरिक्स Sadhu Lade Shabad Ke Oute Lyrics Rattinath Ji Bhajan Lyrics Hindi

Saadhu Lade Re Shabad Ke Otai,
Tan Par Chot Konee Aayee Mera Bhaee Re,
Saadha Karee Hai Ladaee, Ojee Mhaara Guru Ojee.
Ojee Gurujee, Paanch Pachchees Chalya Paakhaariya Aatam Karee Hai Chadhaee .
Aatam Raaj Kare Kaaya Me, Aisee Aisee Adal Jamaee .
Ojee Gurujee, Saat Shabad Ka Mandya Hai Moracha, Gadh Par Naal Jhukaee .
Gyaan Ka Gola Lagya Ghat Bheetar, Bharamaan Kee Buraj Udaee .
Ojee Gurujee, Gyaan Ka Tega Liya Hai Haath Me, Karama Kee Katal Banaee .
Katal Karai Bharamagadh Bhelya, Phir Rahee Alakh Duhaee .
Ojee Gurujee, Naath Gulaab Milya Guru Poora, Laala Lagan Lakhaee .
Bhaanee Naath Sharan Sataguru Kee, Kharee Naukaree Paee .
 
सतगुरु पुरा म्हाने मिल्या है सुमरतां, पियाजी री छतरी बताओ जी॥टेर॥
कहाँ सेती तुम चलकर आया रे, कुण थाने रस्ता बताया जी
कहाँ तेरा स्थान कहीजै रे, सो मोहे दरसाओ जी॥1॥
नाम नगर से चलकर आया रे, सतगुरु रस्ता बताया
भवसागरिये मे तीरना उपर, पकड़ भुजा सतगुरु ल्याया॥2॥
चढ़ छतरी पर मगन भया है रे, भँवर कुसाली पे आया
सात सखी रल मंगल गावै, जमड़ा देखत रोया॥3॥
नवलनाथ जोगी पुरा म्हाने मिलिया, रब का रस्ता बताया
भणत कमाल नवल थारे शरणे, बैठ तन्दूरे पे गाया॥4॥

ऐसी फकीरी म्हारे दिल विच हेरी रमता रावल देगा फेरी
आठ पहर म्हारे लहर भजन की रटता साँज सवेरी॥टेर॥
अमर बेल के अमर फर लाग्या गुरु के बाग मे गहरी।
पिचरगं फूल जांरी सोरम सीतरी नहीं डाल नहीं पेरी॥1॥
अडा अडा जोगी फकड़ दीवाना नहीं लालच नहीं लहरी।
जरणा की झोली तन की मोखली कफनी कुदरत पहरी॥2॥
गगन मंडल से बून्द उतरी ठीक पड़ी जद ठहरी।
गुरु बिन म्हारे घट अन्धेरा जाडी जाडी रैन अन्धेरी॥3॥
कुणसे नाम से होसी निस्तारा, काँई गत होजा जीव तेरी।
लियाडे नाम से होसी निस्तारा, हर ने भज्या गति न्यारी॥4॥
माली देवसिंह बाडी बाई सत संगता निपजाई।
दोव कर जोड़ बोला देव सिंह नेकी म्हारी रामजी निभाई॥5॥

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