कुबेर मन्त्र धन प्राप्ति के लिए

धन के अधिपति श्री  कुबेर को प्रसन्न करने के मन्त्र और लाभ

समस्त देवों में श्री कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हें ही स्वामी बनाया गया है। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी माने जाते हैं। धन के अधिपति होने के कारण इन्हैं मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।

1. कुबेर मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥


2. कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥



3. कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

स्त्रोत और मंत्र में क्या अंतर होता है : स्त्रोत और मंत्र देवताओं को प्रशन्न करते के शक्तिशाली माध्यम हैं। आज हम जानेंगे की मन्त्र और स्त्रोत में क्या अंतर होता है। किसी भी देवता की पूजा करने से पहले उससे सबंधित मन्त्रों को गुरु की सहायता से सिद्ध किया जाना चाहिए। 



कुबेर अष्टलक्ष्मी धनप्राप्ति मंत्र | KUBERA Ashta Lakshmi MANTRA 108

Mantra Traditional
SINGER-MUSIC sriparna chatterjee
PROGRAMMING pramod singh
MIXING MASTERING darpan agarwal
ASSOCIATE PRODUCER reshmita das
PRESENTER ravi khanna

कुबेर मंत्रों का महत्व और लाभ
श्री कुबेर, धन और समृद्धि के अधिपति, भगवान शिव के परम भक्त हैं। उनकी कृपा से न केवल भौतिक धन की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में स्थिरता, समृद्धि और मानसिक शांति भी मिलती है। उनके मंत्रों का जाप हृदय में विश्वास और समर्पण के साथ करने से साधक की आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं, और धन-संपदा का आगमन होता है। यह कृपा जीवन को संतुलित करती है, जैसे वर्षा सूखी धरती को हरियाली देती है।
 

कुबेर मंत्र:

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
यह मंत्र कुबेर की यक्ष स्वरूप की वंदना करता है। नियमित जाप से धन, अनाज, और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह मंत्र आर्थिक तंगी को दूर करता है और व्यवसाय में वृद्धि लाता है।  

कुबेर धन प्राप्ति मंत्र

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः

  • यह मंत्र धन के स्वामी कुबेर को समर्पित है। इसके जाप से धन का प्रवाह बढ़ता है, और आकस्मिक आर्थिक लाभ होता है। यह मंत्र साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।  


कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र

  • ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥*
  • यह मंत्र कुबेर और अष्टलक्ष्मी की कृपा को एक साथ आमंत्रित करता है। इसके जाप से घर में धन, वैभव, और सुख-शांति का वास होता है। यह परिवार की आर्थिक स्थिरता को मजबूत करता है।


मंत्र जाप की विध

- मंत्र जाप के लिए शुभ मुहूर्त, जैसे गुरु या शुक्रवार, चुनें।  
- स्वच्छ वस्त्र पहनकर उत्तर दिशा की ओर मुख करें, क्योंकि कुबेर उत्तर के स्वामी हैं।  
- कुबेर यंत्र या मूर्ति के समक्ष दीप और धूप जलाएं।  
- माला (रुद्राक्ष या स्फटिक) के साथ 108 बार मंत्र जाप करें।  
- जाप के दौरान मन को एकाग्र रखें और कुबेर की कृपा की प्रार्थना करें।  
- जाप के पश्चात दान, विशेष रूप से गरीबों को भोजन या धन, करें।  

लाभ

- आर्थिक संकटों का निवारण और धन की निरंतर वृद्धि।  
- व्यवसाय में सफलता और नए अवसरों का सृजन।  
- घर में सुख-समृद्धि और वैभव का आगमन।  
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि।  

मंत्र और स्तोत्र में अंतर:
मंत्र एक संक्षिप्त, शक्तिशाली ध्वनि या शब्द-समूह है, जो विशिष्ट ऊर्जा को जागृत करता है। यह साधना का केंद्र होता है और गुरु के मार्गदर्शन में सिद्ध किया जाता है। उदाहरण: उपरोक्त कुबेर मंत्र।  
स्तोत्र लंबे भक्ति भरे गीत या काव्य हैं, जो देवता की महिमा का वर्णन करते हैं। यह भक्ति भाव को बढ़ाता है और प्रायः पूजा के समय गाया जाता है, जैसे "कुबेर स्तोत्र।"  
मंत्र साधना का बीज है, जो एकाग्रता मांगता है; स्तोत्र प्रेम और भक्ति का विस्तार है, जो हृदय को प्रभु से जोड़ता है।  

कुबेर मंत्रों का जाप केवल धन की कामना नहीं, बल्कि जीवन में संतुलन और प्रभु के प्रति समर्पण का मार्ग है। उनकी कृपा से मनुष्य न केवल भौतिक सुख पाता है, बल्कि आत्मिक शांति भी प्राप्त करता है। जैसे सूरज की किरणें अंधेरे को मिटाती हैं, वैसे ही कुबेर की कृपा जीवन के अभावों को दूर करती है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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