गायत्री मंत्र के लाभ हैं अनेकों जानिये अर्थ
गायत्री मंत्र के लाभ हैं अनेकों जानिये अर्थ
एक अध्ययन से सिद्ध हुआ है की मन्त्रों की वैज्ञानिक महत्त्व भी हैं जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं। एक अध्ययन के लिए ना केवल हिन्दू धर्म बल्कि पुरे विश्व से मन्त्रों को इकठ्ठा किया गया और इनकी वेव को कंप्यूटर की सहायता से परखा गया।
शोध में यह पाया गया है की मन्त्रों से निकलने वाली तरंगे एक लय बनाती हैं जो सीधे सीधे मस्तिष्क पर प्रभाव डालती है और मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को सक्रीय करती हैं।
गायत्री मंत्र एक सेकंड में 110,000 वेव बनाती हैं। यह मंत्र आवृति और मस्तिष्क पर प्रभाव डालने वाला सबसे शक्तिशाली मंत्र सिद्ध हुआ है जो मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। वस्तुतः मेरी मान्यता है की मंत्र हमारे जीवन को बेहतर बनाते है।
मंत्र मस्तिष्क को शांत करते हैं और इसे एक विशेष पॉजिटिव अवस्था में ट्यून करते हैं। ये मस्तिष्क के कुछ विशेष हिस्सों को सक्रीय करते हैं जो की किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बेलेन्स रखने के लिए आवश्यक हैं। मानसिक रूप से होने वाले प्रभाव ही आगे जाकर रासायनिक प्रभाव पैदा करते हैं।
शोध में यह पाया गया है की मन्त्रों से निकलने वाली तरंगे एक लय बनाती हैं जो सीधे सीधे मस्तिष्क पर प्रभाव डालती है और मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को सक्रीय करती हैं।
गायत्री मंत्र एक सेकंड में 110,000 वेव बनाती हैं। यह मंत्र आवृति और मस्तिष्क पर प्रभाव डालने वाला सबसे शक्तिशाली मंत्र सिद्ध हुआ है जो मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। वस्तुतः मेरी मान्यता है की मंत्र हमारे जीवन को बेहतर बनाते है।
मंत्र मस्तिष्क को शांत करते हैं और इसे एक विशेष पॉजिटिव अवस्था में ट्यून करते हैं। ये मस्तिष्क के कुछ विशेष हिस्सों को सक्रीय करते हैं जो की किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बेलेन्स रखने के लिए आवश्यक हैं। मानसिक रूप से होने वाले प्रभाव ही आगे जाकर रासायनिक प्रभाव पैदा करते हैं।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वःमंत्र के प्रत्येक शब्द की व्याख्या-
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्यः धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्
- ॐ = प्रणव
- भूर = मनुष्य को प्राण प्रदाण करने वाला
- भुवः = दुख़ों का नाश करने वाला
- स्वः = सुख़ प्रदाण करने वाला
- तत = वह, सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
- वरेण्यं = सबसे उत्तम
- भर्गो = कर्मों का उद्धार करने वाला
- देवस्य = प्रभु
- धीमहि = आत्म चिंतन के योग्य धियो = बुद्धि, यो = जो, नः = हमारी,
- प्रचोदयात् = हमें शक्ति दें
Power of Gayatri Mantra : Turn Dreams into Reality
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Author - Saroj Jangir
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