मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई लिरिक्स Mere To Girdhar Gopal Lyrics
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
जाके सर मोर-मुकुट मेरो पति सोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
जाके सर मोर-मुकुट मेरो पति सोई
कोई कहे कारो कोई कहे गोरो,
कोई कहे कारो कोई कहे गोरो ,लियो है अँखियाँ खोल
कोई कहे हलको,कोई कहे भारो,
कोई कहे हलको,कोई कहे भारो,लियो है तराजू तौल
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई | कोई कहे छाने कोई कहे छुवने,
कोई कहे छाने कोई कहे छुवने,लियो है बजन्ता ढोल
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा,
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा,लियो है बाजूबंद खोल
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
असुवन जल सींच-सींच,
असुवन जल सींच-सींच, प्रेम बेल बोई
अब तो बेल फ़ैल गयी,
अब तो बेल फ़ैल गयी, आनंद फल होई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
तात-मात भ्रात बंधू,
तात-मात भ्रात बंधू,आपणो ना कोई
छाड़ गयी कुल की कान,
छाड़ गयी कुल की कान,का करीहे कोई?
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
चुनरी के किये टोक,
चुनरी के किये टोक, ओढली लिए लोई
मोती-मूंगे उतार,
मोती-मूंगे उतार, बन-माला पोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
जाके सर मोर-मुकुट मेरो पति सोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
जाके सर मोर-मुकुट मेरो पति सोई
कोई कहे कारो कोई कहे गोरो,
कोई कहे कारो कोई कहे गोरो ,लियो है अँखियाँ खोल
कोई कहे हलको,कोई कहे भारो,
कोई कहे हलको,कोई कहे भारो,लियो है तराजू तौल
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई | कोई कहे छाने कोई कहे छुवने,
कोई कहे छाने कोई कहे छुवने,लियो है बजन्ता ढोल
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा,
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा,लियो है बाजूबंद खोल
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
असुवन जल सींच-सींच,
असुवन जल सींच-सींच, प्रेम बेल बोई
अब तो बेल फ़ैल गयी,
अब तो बेल फ़ैल गयी, आनंद फल होई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
तात-मात भ्रात बंधू,
तात-मात भ्रात बंधू,आपणो ना कोई
छाड़ गयी कुल की कान,
छाड़ गयी कुल की कान,का करीहे कोई?
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
चुनरी के किये टोक,
चुनरी के किये टोक, ओढली लिए लोई
मोती-मूंगे उतार,
मोती-मूंगे उतार, बन-माला पोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोई |
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं