मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी

मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी

मेरा खाटू वाला है पहचान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
जीना क्या श्याम बिन इक पल कठिन,
याद बाबा को करते है हम रात दिन,
मुझे दर है किसका मई जाऊ यहाँ,
याहा पे भी मैं हु सांवरिया वाहा,
उसी के ही दम से है मुस्कान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
थी मुश्किल बड़ी ये मेरी ज़िंदगी,
श्याम जब से मिला तो मिली हर ख़ुशी,
कही फूल खुशियों के मन में खिले,
एक माँगा तो लाखो मिले,
हुई ज़िंदगी अब तो आसान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,
जाके जब भी कहा मैंने दरबार में,
आये खुशिया कई मेरे परिवार में,
हमेशा ही विष्णु की सुनता है श्याम,
वो खाटू का राजा सुशील है गुलाम,
मेरा खाटू वाला तो है जान मेरी,
मिला श्याम जब से बड़ी शान मेरी,

यह भजन खाटू श्याम के प्रति भक्त की गहन श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करता है। इसमें बताया गया है कि जब से भक्त को श्याम बाबा की कृपा प्राप्त हुई, उसका जीवन सुखद और आनंदमय हो गया।

श्याम के बिना जीवन कठिन लगता था, लेकिन उनकी भक्ति ने मन को सुकून और स्थिरता दी। जब भक्त ने श्याम के दरबार में प्रार्थना की, तब उसकी कठिनाइयाँ समाप्त हो गईं और परिवार में खुशियों का संचार हुआ। यह भजन श्रद्धा, भक्ति और ईश्वर की कृपा के महत्व को दर्शाता है।

यह भी स्पष्ट करता है कि श्याम बाबा हर भक्त की सुनते हैं और उसकी प्रार्थना को स्वीकार करते हैं। उनकी कृपा से जीवन में खुशियों के फूल खिलते हैं और भक्त को अनेक वरदान प्राप्त होते हैं।

खाटू श्याम की भक्ति व्यक्ति को आत्मिक शांति और सुख की अनुभूति कराती है। उनका नाम लेने से मन में एक नई ऊर्जा और संतोष का संचार होता है। यह भजन उस भावना को प्रकट करता है कि जब व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से ईश्वर की आराधना करता है, तो वह सभी बाधाओं से मुक्त होकर परम आनंद की प्राप्ति करता है। जय श्याम बाबा!
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