मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता Mujhe Shyam Tera Sahara Na Hota
मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता,तो दुनिया में मेरा गुज़ारा ना होता,
मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता,
तो दुनिया में मेरा गुज़ारा ना होता।
जीने को जीते थे प्रभु मर मर के जीते थे,
मजबूरी में मेरे दिन रात रो रो कर बीते थे,
रो रो के तुझको पुकारा ना होता,
तो दुनियां में मेरा गुज़ारा ना होता,
मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता,
तो दुनिया में मेरा गुज़ारा ना होता।
दरबार में आकर के श्याम,
मेरा वक़्त गुजर जाता है,
सुनता हूँ तेरे दर पे बुरा से बुरा सुधर जाता है,
कर्मो के मेरे तुमने सुधारा ना होता,
तो दुनियां में मेरा गुज़ारा ना होता,
मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता,
तो दुनिया में मेरा गुज़ारा ना होता।
नालायक पर भी श्याम प्रभु किरपा बरसाते हो,
स्वार्थ की दुनिया में तुम्ही प्रेम दिखाते हो,
संजू की और तुमने निहारा ना होता,
तो दुनियां में मेरा गुज़ारा ना होता,
मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता,
तो दुनिया में मेरा गुज़ारा ना होता।
भजन कीर्तन एक प्रकार का धार्मिक संगीत है जिसमें भगवान के नामों और गुणों का गायन किया जाता है। यह एक सामूहिक गतिविधि है जिसमें लोग एक साथ बैठकर या खड़े होकर भजन गाते हैं। भजन कीर्तन को अक्सर मंदिरों, धार्मिक स्थलों, या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित किया जाता है।
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Author - Saroj Jangir
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