रटता क्यौं नहीं रे हरिनाम

रटता क्यौं नहीं रे हरिनाम

रटता क्यौं नहीं रे हरिनाम
रटता क्यौं नहीं रे हरिनाम। तेरे कोडी लगे नही दाम॥
नरदेहीं स्मरणकूं दिनी। बिन सुमरे वे काम॥१॥
बालपणें हंस खेल गुमायो। तरुण भये बस काम॥२॥
पाव दिया तोये तिरथ करने। हाथ दिया कर दान॥३॥
नैन दिया तोये दरशन करने। श्रवन दिया सुन ज्ञान॥४॥
दांत दिया तेरे मुखकी शोभा। जीभ दिई भज राम॥५॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। है जीवनको काम॥६॥

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