अपनी गरज हो मिटी सावरे मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics
अपनी गरज हो मिटी सावरे
अपनी गरज हो मिटी सावरे हाम देखी तुमरी प्रीत॥टेक॥
आपन जाय दुवारका छाय ऐसे बेहद भये हो नचिंत॥१॥
ठार सलेव करित हो कुलभवर कीसि रीत॥२॥
बीन दरसन कलना परत हे आपनी कीसि प्रीत।
मीराके प्रभु गिरिधर नागर प्रभुचरन न परचित॥३॥
अपनी गरज हो मिटी सावरे हाम देखी तुमरी प्रीत॥टेक॥
आपन जाय दुवारका छाय ऐसे बेहद भये हो नचिंत॥१॥
ठार सलेव करित हो कुलभवर कीसि रीत॥२॥
बीन दरसन कलना परत हे आपनी कीसि प्रीत।
मीराके प्रभु गिरिधर नागर प्रभुचरन न परचित॥३॥