आवो सहेल्यां रली करां हे, पर घर गावण निवारी मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics
आवो सहेल्यां रली करां हे, पर घर गावण निवारी।
झूठा माणिक मोतिया री, झूठी जगमग जोति।
झूठा सब आभूषण री, सांचि पियाजी री पोति।
झूठा पाट पटंबरारे, झूठा दिंखणी चीर।
सांची पियाजी री गूदड़ी, जामे निरमल रहे सररी।
छप्पन भोग बुहाई दे है, इन भोगिन में दाग।
लूया अलूणओ ही भलो है, अपणए पियाजी को साग।
देखि बिराणै निवांण कूँ है, क्यूँ उपजावै खीज।
कालर अपणो ही भलो है, जामें निपजै चीज।
छैल बिराणओ लाख को है, अपणे काज न होइ।
ताके संग सीधारतां हे, भला न कहसी कोइ।
वर हीणओं आपणों भलो है, कोढ़ी कुष्टि कोई।
जाके संग सीधारतां है, भला कहै सब लोइ।
अबिनासी सूं बालवां है, जिनसूं सांची प्रीत।
मीरां कूं प्रभु मिल्या है, एहि भगति की रीत।।