करम गत टाराँ णाही टराँ मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

करम गत टाराँ णाही टराँ मीरा बाई पदावली Padawali Meera Bai Meera Bhajan Hindi Lyrics

करम गत टाराँ णाही टराँ
 करम गत टाराँ णाही टराँ।।टेक।
सतबादी हरिचन्दा राजा, डोम घर णीराँ भराँ।
पांच पांडु री राणी द्रुपता, हाड़ हिमालाँ गराँ।
जाग कियाँ बलि लेण इन्द्रासण, जाँयाँ पातला पराँ।
मीराँ रे प्रभु गिरधरनागर, बिखरूं अम्रित कराँ।।
 (करमगत=भाग्य का लेखा, टाराँ णाही टराँ=टालने
पर नहीं टलता, डोम=भंगी, णीराँ=नीर,पानी, पाँडू=
पाण्डव, द्रुपता=द्रोपदी, हिमालाँ=हिमालय पर्वत,
जाग=यज्ञ।, इन्द्रासण=स्वर्ग का राज्य, बिखरूं=
विष को, अम्रित=अमृत)
 
सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है ॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पितांबर शोभे । कुंडलकी झकझोल ॥स० १॥
सासु बुरी मेरी नणंद हटेली । छोटो देवर चोर ॥स० २॥
ब्रिंदावनकी कुंजगलिनमें । नाचत नंद किशोर ॥स० ३॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर । नागर चरणकमल चितचोर ॥स० ४॥

सांवरो रंग मिनोरे । सांवरो रंग मिनोरे ॥ध्रु०॥
चांदनीमें उभा बिहारी महाराज ॥१॥
काथो चुनो लविंग सोपारी । पानपें कछु दिनों ॥सां० २॥
हमारो सुख अति दुःख लागे । कुबजाकूं सुख कीनो ॥सां० ३॥
मेरे अंगन रुख कदमको । त्यांतल उभो अति चिनो ॥सां० ४॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर । नैननमें कछु लीनो ॥सां० ५॥

जल भरन कैशी जाऊंरे । जशोदा जल भरन ॥ध्रु०॥
वाटेने घाटे पाणी मागे मारग मैं कैशी पाऊं ॥ज० १॥
आलीकोर गंगा पलीकोर जमुना । बिचमें सरस्वतीमें नहावूं ॥ज० २॥
ब्रिंदावनमें रास रच्चा है । नृत्य करत मन भावूं ॥ज० ३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर । हेते हरिगुण गाऊं ॥ज० ४॥

कान्हो काहेकूं मारो मोकूं कांकरी । कांकरी कांकरी कांकरीरे ॥ध्रु०॥
गायो भेसो तेरे अवि होई है । आगे रही घर बाकरीरे ॥ कानो ॥१॥
पाट पितांबर काना अबही पेहरत है । आगे न रही कारी घाबरीरे ॥ का० ॥२॥
मेडी मेहेलात तेरे अबी होई है । आगे न रही वर छापरीरे ॥ का० ॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर । शरणे राखो तो करूं चाकरीरे ॥ कान० ॥४॥
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