पनघट पे मैं ब्रिजबाला मोहे छेड़ गयो नंदलाला
मोहे छेड़ गयो नंदलाला
पनघट पे मैं ब्रिजबाला, मोहे छेड़ गयो नंदलाला।।
(अंतरा)
आ आ, मेरा रूप सजेला, दिल रंग रंगीला,
मैं तो नाचूं जैसे मीरा।।
मेरी इतनी कहानी, मैं हूँ प्रेम दीवानी,
मैं तो नाचूं जैसे मीरा।।
(पुनरावृति)
नंदलाला, नंदलाला, जाने कैसा जादू डाला।।
नंदलाला, नंदलाला, नंदलाला।।
मेरा रूप सजेला, दिल रंग रंगीला,
मैं तो नाचूं जैसे मीरा।।
नंदलाला, नंदलाला, नंदलाला, नंदलाला।।
(अंतरा)
सुंदर है, गहरा है प्रेम का ये रंग,
तेरा हर मौसम,
जन्म-जन्म छूटे ना संग तेरा।।
मेरी इतनी कहानी, मैं हूँ प्रेम दीवानी,
मैं तो नाचूं जैसे मीरा।।
नंदलाला, नंदलाला, जाने कैसा जादू डाला।।
नंदलाला, नंदलाला, नंदलाला।।
सुंदर भजन में शिव की भक्ति और उनके चरणों में आत्मसमर्पण का भाव गहन रूप से प्रकट हुआ है। इसमें यह संदेश निहित है कि भोलेनाथ के नाम का सच्चे मन से जाप करने से भक्त के समस्त कष्ट दूर हो सकते हैं और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है। शिव का दिव्य स्वरूप उनकी भभूत से शोभित होता है, माथे पर चंद्रमा और गले में विषधर लिपटा हुआ है—यह उनके अलौकिक व्यक्तित्व का प्रतीक है। उनकी भक्ति में डूबा हुआ मन श्रद्धा से भर जाता है, जिससे व्यक्ति सांसारिक मोह से मुक्त होकर शिव की कृपा प्राप्त करता है।
शिव भक्तों के सच्चे साथी हैं, जो अपने भक्ति से उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। उनके नाम का जाप करने से बिगड़े हुए कार्य भी पूर्ण हो सकते हैं और जीवन की कठिनाइयाँ समाप्त हो सकती हैं। शिव की भक्ति मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है और जीव को भवसागर से पार लगाने वाली होती है।
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