सदाशिव सर्व वरदाता दिगम्बर

सदाशिव सर्व वरदाता दिगम्बर हो तो ऐसा हो

सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो,
हरे सब दुःख भक्तों के, दयाकर हो तो ऐसा हो।
शिखर कैलाश के ऊपर, कल्पतरुओं की छाया में,
रमे नित संग गिरिजा के, रमणधर हो तो ऐसा हो।

शीश पर गंग की धारा, सुहाए भाल पर लोचन,
कला मस्तक पे चन्दा की, मनोहर हो तो ऐसा हो।
भयंकर जहर जब निकला, क्षीरसागर के मंथन से,
रखा सब कण्ठ में पीकर, कि विषधर हो तो ऐसा हो।

सिरों को काटकर अपने, किया जब होम रावण ने,
दिया सब राज दुनियाँ का, दिलावर हो तो ऐसा हो।
बनाए बीच सागर के, तीन पुर दैत्य सेना ने,
उड़ाए एक ही शर से, त्रिपुरहर हो तो ऐसा हो।

देवगण दैत्य नर सारे, जपें नित नाम शंकर जो,
वो ब्रह्मानन्द दुनियाँ में, उजागर हो तो ऐसा हो॥



Sadashiv Sarvadata|Bala Jogi Aayo-2|Niranjan Pandiya
 
भजन में भगवान शिव की महिमा और उनकी असीम कृपा का गुणगान है, जो हर भक्त के मन को उनकी भक्ति में डुबो देता है। यह वह विश्वास है, जो शिव को सर्व वरदाता मानता है, जो भक्तों के हर दुख को हर लेते हैं। उनकी दयालुता ऐसी है, जो कैलाश के शिखर पर गिरिजा के संग रमते हुए भी हर भक्त के हृदय में बसती है। यह प्रेम और श्रद्धा का वह रंग है, जो हर पल उनकी उपस्थिति को महसूस करता है।

गंगा की धारा, भाल पर तीसरा नेत्र, और मस्तक पर चंद्रमा का सौंदर्य उनकी अलौकिक छवि को दर्शाता है। जैसे कोई विद्यार्थी किसी महान गुरु की महिमा को देखकर श्रद्धा से भर जाता है, वैसे ही यहाँ शिव का मनोहर रूप मन को मोह लेता है। क्षीरसागर के मंथन से निकले विष को कंठ में धारण करने की बात उनकी त्यागमयी और रक्षक स्वभाव को उजागर करती है, जो संसार को बचाने के लिए हर कष्ट सह लेते हैं।

रावण को राज देने और त्रिपुर दैत्यों का नाश करने की कथाएँ उनकी शक्ति और उदारता को प्रकट करती हैं। जैसे कोई चिंतक जीवन में सत्य और न्याय की राह को देखता है, वैसे ही यहाँ शिव की हर लीला भक्तों के लिए प्रेरणा बनती है। उनकी शक्ति ऐसी है, जो दैत्यों को हरती है, और उनकी कृपा ऐसी है, जो भक्तों को सब कुछ देती है।
 
Song:Sadashiv Sarvadata
Title: Bala Jogi Aayo-2
Singer: Niranjan Pandiya
Artist:Niranjan Pandiya
Music:Hanif Shekh
Lyrics:Traditional
 
Next Post Previous Post