मारे मत मइया वचन भरवाय भजन

मारे मत मइया वचन भरवाय लै भजन

मारे मत मइया, वचन भरवाय लै
वचन भरवाय लै, सौगन्ध खवाय लै।
गंगा की खवाय लै, चाहे जमुना की खवाय लै
क्षीर सागर में मइया ठाड़ो करवाय लै ॥
मारे मत मइया, वचन भरवाय लै

गइया की खवाय लै, चाहे बछड़ा की खवाय लै
नन्द बाबा के आगे ठाड़ो करवाय लै ॥
मारे मत मइया, वचन भरवाय लै

गोपिन की खवाय लै, चाहे ग्वालन की खवाय लै
दाऊ भइया के आगे कान पकराय लै ॥
मारे मत मइया, वचन भरवाय लै

बंसी की खवाय लै, चाहे कामर की खवाय लै
मेरे अपने सिर पे हाथ धर के कहवाय लै ॥
मारे मत मइया, वचन भरवाय लै

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