आरती श्री सांईबाबा की लिरिक्स Saai Aarti Lyrics Hindi

आरती श्री सांईबाबा की लिरिक्स Saai Aarti Lyrics Hindi

आरती श्री साई गुरुवर की, परमानंद सदा गुरुवर की |
जाकी कृपा विपुल सुखकारी, दु:ख शोक संकट भयहारी |
शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्व दिखाया |
कितने भक्त शरण में आये, वे सुख शंति निरंतर पाये |
भाव धरे जो मन में जैसा, साई का अनुभव वैसा |
गुरु की उदी लगावे तन को, समाधान लाभत उस तन को |
साई नाम सदा जो गावें, सो फल जग में शाश्वत पावें |
गुरुवासर करि पूजा सेवा, उस पर कृपा करत गुरु देवा |
राम कृष्ण हनुमान रुप में, दे दर्शन जानत जो मन में |
विविध धर्म के सेवक आतें, दर्शन कर इच्छित फल पातें |
जै बोलो साई बाबा की, जै बोलो अवधूत गुरु की |
साई की आरती जो कोई गावे, घर में बसि सुख मंगल पावे |
आरती श्री साई गुरुवर की
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड़ नायक, राजाधिराज योगीराज
जय जय जय साई बाबा की
आरती श्री साई गुरुवर की
 
Aaratee Shree Saee Guruvar Kee, Paramaanand Sada Guruvar Kee |
Jaakee Krpa Vipul Sukhakaaree, Du:kh Shok Sankat Bhayahaaree |
Shiradee Mein Avataar Rachaaya, Chamatkaar Se Tatv Dikhaaya |
Kitane Bhakt Sharan Mein Aaye, Ve Sukh Shanti Nirantar Paaye |
Bhaav Dhare Jo Man Mein Jaisa, Saee Ka Anubhav Vaisa |
Guru Kee Udee Lagaave Tan Ko, Samaadhaan Laabhat Us Tan Ko |
Saee Naam Sada Jo Gaaven, So Phal Jag Mein Shaashvat Paaven |
Guruvaasar Kari Pooja Seva, Us Par Krpa Karat Guru Deva |
Raam Krshn Hanumaan Rup Mein, De Darshan Jaanat Jo Man Mein |
Vividh Dharm Ke Sevak Aaten, Darshan Kar Ichchhit Phal Paaten |
Jai Bolo Saee Baaba Kee, Jai Bolo Avadhoot Guru Kee |
Saee Kee Aaratee Jo Koee Gaave, Ghar Mein Basi Sukh Mangal Paave |
Aaratee Shree Saee Guruvar Kee
Anant Koti Brahmaand Naayak, Raajaadhiraaj Yogeeraaj
Jay Jay Jay Saee Baaba Kee
Aaratee Shree Saee Guruvar Kee
शिरडी के साईं बाबा भारत की समृद्ध संत परंपरा में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। उनकी अधिकांश उत्पत्ति और जीवन अज्ञात है, लेकिन वह हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा आत्म-साक्षात्कार और पूर्णता के अवतार के रूप में साई को स्वीकारते हैं। भले ही साईं बाबा ने अपने व्यक्तिगत व्यवहार में मुस्लिम प्रार्थनाओं और प्रथाओं का पालन किया, लेकिन वे खुले तौर पर किसी भी धर्म के कट्टरपंथी व्यवहार से घृणा करते थे। इसके बजाय, प्रेम और न्याय के संदेशों के माध्यम से, वह मानव जाति के जागरण में विश्वास करते थे।
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url