श्रंगार सोरठा रहीम हिंदी अर्थ सहित Sant Raheem Sringaar Sortha Hindi

श्रंगार सोरठा रहीम हिंदी अर्थ सहित Sant Raheem Sringaar Sortha Hindi

 
श्रंगार सोरठा रहीम हिंदी अर्थ सहित Sant Raheem Sringaar Sortha Hindi

श्रंगार-सोरठा
गई आगि उर लाय, आगि लेन आई जो तिय ।
लागी नाहिं बुझाय, भभकि भभकि बरि-बरि उठै ।।1।।

तुरुक गुरुक भरिपूर, डूबि डूबि सुरगुरु उठै ।
चातक चातक दूरि, देह दहे बिन देह को ।।2।।
 दीपक हिए छिपाय, नबल वधू घर ले चली ।
कर विहीन पछिताय, कुच लखि जिन सीसै धुनै ।।3।।

पलटि चली मुसुकाय दुति रहीम उपजात अति ।
बाती सी उसकाय मानों दीनी दीन की ।।4।।

यक नाही यक पी हिय रहीम होती रहै ।
काहु न भई सरीर, रीति न बेदन एक सी ।।5।।

रहिमन पुतरी स्‍याम, मनहुँ जलज मधुकर लसै ।
कैधों शालिग्राम, रूपे के अरघा धरे ।।6।।

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