रहीम के सोरठे हिंदी अर्थ सहित Rahim Ke Sorathe Hindi Meaning

रहीम के सोरठे हिंदी अर्थ सहित Rahim Ke Sorathe Hindi Meaning

ओछे को सतसंग, रहिमन तजहु अँगार ज्‍यों।
तातो जारै अंग, सीरो पै करो लगै॥
 
रहीम के सोरठे हिंदी अर्थ सहित Rahim Ke Sorathe Hindi Meaning
 
रहीम के सोरठे/दोहे का अर्थ : इस दोहे में रहीम कहते हैं कि हमें बुरे लोगों का साथ छोड़ देना चाहिए। बुरे लोग अंगार के समान होते हैं, उनकी संगती के कोई अच्छे परिणाम नहीं निकलते हैं। जलता हुआ अंगार अंग को जला देता है, और ठंडा हो जाने पर कालिख लगा देता है, दोनों ही स्थिति में वह हितकर नहीं होता है. यह दोहा कई तरह से समझा जा सकता है। एक अर्थ यह है कि बुरे लोगों से हमें दूर रहना चाहिए। वे हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक। दूसरा अर्थ यह है कि बुरे लोगों के साथ रहना हमें बुरे बन सकता है। उनकी बुरी आदतें हमें भी प्रभावित कर सकती हैं।
 
रहिमन कीन्‍हीं प्रीति, साहब को भावै नहीं।
जिनके अगनित मीत, हमैं गीरबन को गनै॥
 
रहीम के सोरठे/दोहे का अर्थ : इस सोरठे में रहीम ईश्वर पर कटाक्ष करते हुए कहते हैं कि उनके प्रेम को ईश्वर समझते क्यों नहीं हैं, उसे महत्त्व क्यों नहीं देते हैं। उनका कहना है कि ईश्वर के पास तो अनगिनत भक्त हैं, तो फिर उनकी प्रीति का क्या महत्व है। इश्वर के तो अनगिनत भक्त हैं ऐसे में उनको (रहीम) को कौन गिने, कौन इनको महत्त्व दे.
 
रहिमन जग की रीति, मैं देख्‍यो रस ऊख में।
ताहू में परतीति, जहाँ गाँठ तहँ रस नहीं॥

जाके सिर अस भार, सो कस झोंकत भार अस।
रहिमन उतरे पार, भार झोंकि सब भार में॥

रहिमन नीर पखान, बूड़ै पै सीझै नहीं।
तैसे मूरख ज्ञान, बूझै पै सूझै नहीं॥
रहिमन बहरी बाज, गगन चढ़ै फिर क्‍यों तिरै।
पेट अधम के काज, फेरि आय बंधन परै॥

रहिमन मोहि न सुहाय, अमी पिआवै मान बिनु।
बरु विष देय, बुलाय, मान सहित मरिबो भलो॥

बिंदु मों सिंधु समान को अचरज कासों कहै।
हेरनहार हेरान, रहिमन अपुने आप तें॥

चूल्‍हा दीन्‍हो बार, नात रह्यो सो जरि गयो।
रहिमन उतरे पार, भर झोंकि सब भार में॥

देनहार कोउ और है, भेजत सो दिन रैन।
लोग भरम हम पै धरैं, याते नीचे नैन॥

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