संवारा पल में मान जाता है
साँवरा पल में मान जाता है
साँवरा पल में मान जाता है,सुन के पुकार आता है,
हम बे खबर है इनको खबर है,
अपने भगत पे इनकी नजर है,
प्रेमी से प्रेम ये बडाता है,
साँवरा पल में मान........
हारे का ये ही साथी बना है,
बुजते दीये की बाती बना है,
भाव से इनको जो रिजाता है,
साँवरा पल में मान जाता है
किस्मत से ज्यादा हमको दिया है,
कैसे बताओ क्या न किया है,
श्याम ने जोड़ा तुमसे नाता है,
साँवरा पल में मान जाता है
Sanwara Pal Me Man Jata Hai By Ravi Beriwal
सुंदर भजन में श्रीकृष्णजी की कृपा की ऐसी महिमा है, जो मन को उनके प्रेम में डुबो देती है। यह भाव है कि सांवरा एक पल में भक्त की पुकार सुन लेता है और तुरंत दौड़ा चला आता है। उनकी नजर हर पल अपने भक्तों पर रहती है, जैसे कोई सच्चा साथी हर कदम पर नजर रखे।
वह हारे हुए का सहारा बनता है, जैसे कोई बुझते दीये में फिर से रोशनी जला दे। सच्चे मन से उनकी भक्ति करने वाला उनका प्रेम और बढ़ा लेता है, जैसे कोई फूलों की माला और सुंदर हो जाए। यह विश्वास है कि श्रीकृष्णजी ने किस्मत से भी ज्यादा दे दिया, और उनके साथ जुड़ा यह रिश्ता अनमोल है।
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