मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई लिरिक्स Mere To Girdhar Gopal Lyrics


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मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई लिरिक्स Mere To Girdhar Gopal Lyrics, Meera Bhajan

मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई
छाँड़ि दई कुल की कानि, कहा करि है कोई
संतन ढिग बैठि-बैठि, लोक लाज खोई
अँसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेली बोई
अब तो बेल फैल गई, आनँद फल होई
दही की मथनिया, बड़े प्रेम से बिलोई
माखन सब काढ़ि लियो, छाछ पिये कोई
भगत देखि राजी भई, जगत देखि रोई
दासी ‘मीराँ’ लाल गिरिधर, तारो अब मोही
 

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