सरकार का जलवा है भजन

सरकार का जलवा है भजन

श्री खाटू श्याम जी भजन हिंदी में
सरकार का जलवा है,भक्तो को पुकारा है,
मेरे श्याम सलोने सांवरिया खाटू वाले का डेरा है,
सरकार का जलवा है,भक्तो को पुकारा है.

तुम इतने दयालु हो बाबा मेरी बिगड़ी बात बनाते हो,
हर गम कष्टों से दूर रहो मुझे दया की छाव दिखाते हो,
मैं आज राहु न चुप बाबा,
मेरे श्याम सलोने सांवरिया खाटू वाले का डेरा है,
सरकार का जलवा है,भक्तो को पुकारा है.

पूरी मन की मुरादे करता है,
हर हाल में तू खुश रखता है,
जो भटक गये दर से बाबा तू फिर भी दया दिखलाता है,
तेरी महिमा इतनी निराली है ये कर्म तो तेरा है,
मेरे श्याम सलोने सांवरिया खाटू वाले का डेरा है,
सरकार का जलवा है....

मैं आज वैरागी बना दर का सुर ताल का मुझको ज्ञान नहीं,
झोली भर के दर से जाउगा बाबा अब तो मानु गा नहीं,
तेरी किरपा सदा बरसती रहे बेडा पार ये तेरा है,
मेरे श्याम सलोने सांवरिया खाटू वाले का डेरा है,
सरकार का जलवा है,भक्तो को पुकारा है.


किसने बनवाया खाटूश्याम जी का मशहूर मंदिर – 
श्री खाटू श्याम जी का मंदिर सीकर जिले के रींगस के पास खाटू नगरी में शापित है जादू दूर से श्रद्धालु बाबा श्याम के दरबार में मस्तक झुकाने आते हैं और बाबा उनके सभी अधूरे कामों को पूरा करते हैं हर जगह से निराश हो चुके व्यक्ति को बस सिर्फ और सिर्फ खाटू मां का ही सहारा होता है क्योंकि उन्हें ही हारे का हरि नाम जय श्री श्याम कहां जाता है बाबा श्याम का मंदिर रूप सिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कवर के द्वारा 1027 मैं बनवाया गया था पुरानी कथाओं के अनुसार राजा रूप सिंह चौहान को एक रोज सपना आया था कि उन्हें बाबा श्याम का मंदिर बनवाना चाहिए इसी मंदिर का जीर्णोद्धार 1720 में दीवान अभय सिंह के द्वारा किया गया बाबा श्याम हारे का सहारा है बाबा श्याम अपने भक्तों पर दया जरूर करते हैं जय बाबा श्याम की


 
सुन्दर भजन “सरकार का जलवा है” में खाटू श्याम जी के प्रति भक्त की अटूट श्रद्धा और उनके दरबार की महिमा का उत्साहपूर्ण चित्रण है। श्रीकृष्ण के सांवरिया रूप, खाटू वाले श्याम बाबा, का डेरा भक्तों के लिए कृपा और प्रेम का केंद्र है, जो उनकी पुकार सुनकर हर बिगड़ी बात को संवारते हैं। भक्त उनकी दयालुता की प्रशंसा करता है, जो गम और कष्टों से दूर रखकर दया की छाँव प्रदान करते हैं। जैसे सूरज की किरणें अंधेरे को मिटाती हैं, वैसे ही श्याम बाबा की कृपा भक्त के जीवन को आलोकित करती है। यह उद्गार सिखाता है कि सच्ची भक्ति में प्रभु का विश्वास ही हर संकट से मुक्ति का मार्ग है।

भक्त कहता है कि श्याम बाबा हर मनोकामना पूरी करते हैं, भटके हुए को भी दया दिखाते हैं, और उनकी महिमा अनुपम है। वह स्वयं को वैरागी मानकर उनके दर पर झोली फैलाता है, यह विश्वास रखते हुए कि बाबा की कृपा से उसका बेड़ा पार होगा। सुर-ताल का ज्ञान न होने पर भी, वह श्याम के प्रेम में डूबकर उनकी किरपा की निरंतर वर्षा की कामना करता है। जैसे नदी किनारे को आश्रय देती है, वैसे ही खाटू का दरबार भक्तों को सुख, शांति, और समृद्धि देता है। यह भाव दर्शाता है कि श्याम बाबा का जलवा हर भक्त के हृदय को प्रेम और भक्ति से भर देता है, और उनकी शरण में हर मुराद पूरी होती है।
 
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