ॐ श्री शनिदेवाय: नमों नमः| ॐ श्री शनिदेवाय: शान्ति भवः| ॐ श्री शनिदेवाय: शुभम फलः| ॐ श्री शनिदेवाय: फलः प्राप्ति फलः| नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्। ॐ प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥ “ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात” ॐ सः शनैश्चराय नमः ॥
शनि देव के बीज मंत्रों का जाप उनके आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है। नीचे शनि देव के प्रमुख मंत्र, उनके अर्थ, महत्व और लाभ प्रस्तुत हैं:
शनि बीज मंत्र:
मंत्र: "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" अर्थ: "मैं शनैश्चर (शनि देव) को प्रणाम करता हूँ। कृपया मुझ पर दया करें और मेरे मन को शांत करें।"
महत्व एवं लाभ: इस मंत्र के नियमित जाप से शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। यह पिछले जन्मों के बुरे कर्मों के प्रभाव को नष्ट करने में सहायक होता है। जीवन में आने वाली परेशानियों को कम करने और सौभाग्य को बढ़ाने में मदद करता है।
शनि गायत्री मंत्र:
मंत्र: "ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि तन्नो मन्दः प्रचोदयात" अर्थ: "हम उस देवता का ध्यान करते हैं जिनके ध्वज पर काक (कौआ) है और जो हाथ में खड्ग (तलवार) धारण करते हैं। वह मन्द (शनि) हमें प्रेरित करें।"
महत्व एवं लाभ: शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने में सहायक। वैवाहिक समस्याओं और अज्ञात रोगों को ठीक करने में मददगार। धैर्य, अनुशासन और आत्म-संयम को प्रोत्साहित करता है।
शनि पौराणिक मंत्र: मंत्र: "नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥" अर्थ: "जो नीलांजन (नीले) के समान आभा वाले हैं, सूर्य के पुत्र और यमराज के अग्रज हैं, छाया और सूर्य से उत्पन्न हुए हैं, उन शनैश्चर को मैं प्रणाम करता हूँ।"
महत्व एवं लाभ: शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। जीवन में शांति और समृद्धि लाने में सहायक।
मंत्र जाप की विधि:
शनिवार के दिन स्नान के बाद शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने नीले फूल, काला कपड़ा, काली उड़द और काले तिल अर्पित करें।
मीठी पूरी का भोग लगाएं और काली तुलसी की माला से 108 बार मंत्र का जाप करें।
नियमित रूप से मंत्र जाप करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
इन मंत्रों के जाप से शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।