वृंदावन वाले ने रौनकां लगाईयां
वृंदावन वाले ने रौनकां लगाईयां
चौंकी सजा के, कान्हा ज्योत जगाई है,
मिलके सभी भगतों ने खुशियां मनाई है,
इक दूजे नूं देन बधाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
बजदे ने ढोल, ते बजदे नगाड़े ने,
भंगड़े पाके झूमे सारे ने,
हर पासे ने खुशियां छाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
राधा रानी नाल रास रचाई है,
जो भी मांगो, खुशियां ही पाई है,
मुरली वाले ने मौजा लुटाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
दूर-दूर कान्हा, तेरे भगत आए ने,
सारे मिलके, जयकारे लाए ने,
आज सारे भेंटां गाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
मिलके सभी भगतों ने खुशियां मनाई है,
इक दूजे नूं देन बधाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
बजदे ने ढोल, ते बजदे नगाड़े ने,
भंगड़े पाके झूमे सारे ने,
हर पासे ने खुशियां छाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
राधा रानी नाल रास रचाई है,
जो भी मांगो, खुशियां ही पाई है,
मुरली वाले ने मौजा लुटाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
दूर-दूर कान्हा, तेरे भगत आए ने,
सारे मिलके, जयकारे लाए ने,
आज सारे भेंटां गाईयां,
आज ते कमाल हो गया...
मुरली वाले ने रौनका लगाईया...
वृंदावन वाले ने रौनकां लगाईयां की आज ते कमाल हो गया ।।Krishan Bhajan।। Kirtan
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सुन्दर भजन में श्रीकृष्णजी की दिव्य लीला और उनके भक्तों की अपार खुशी का मनोहर चित्रण किया गया है। जब वृंदावन में श्रीकृष्णजी के नाम का जप होता है, जब उनकी आरती सजाई जाती है, तब संपूर्ण वातावरण भक्ति और आनंद से भर उठता है। उनकी उपस्थिति से धरा पर उल्लास की रौनक छा जाती है—जहाँ भक्तगण प्रेम और श्रद्धा से झूम उठते हैं।
श्रीकृष्णजी की लीला में नृत्य, संगीत, और भक्ति का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। ढोल और नगाड़ों की गूँज भक्तों के हृदय को मंत्रमुग्ध कर देती है। भजन में यह भाव स्पष्ट होता है कि जब भक्तगण उनके नाम का जयकारा लगाते हैं, तब केवल शब्द नहीं गूँजते, बल्कि आत्मा भी श्रीकृष्णजी की प्रेममयी छवि में रम जाती है।
राधारानी के संग रास की लीला प्रेम और समर्पण का अनूठा उदाहरण है—जहाँ भक्ति अपने पूर्ण स्वरूप में प्रकाशित होती है। जो भी सच्चे मन से श्रीकृष्णजी की आराधना करता है, उसे उनके आशीर्वाद की अमृत वर्षा प्राप्त होती है। सुन्दर भजन में यह संदेश जीवंत होता है कि श्रीकृष्णजी की कृपा से जीवन की सारी कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं, और केवल आनंद ही शेष रहता है।
श्रीकृष्णजी की लीला में नृत्य, संगीत, और भक्ति का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। ढोल और नगाड़ों की गूँज भक्तों के हृदय को मंत्रमुग्ध कर देती है। भजन में यह भाव स्पष्ट होता है कि जब भक्तगण उनके नाम का जयकारा लगाते हैं, तब केवल शब्द नहीं गूँजते, बल्कि आत्मा भी श्रीकृष्णजी की प्रेममयी छवि में रम जाती है।
राधारानी के संग रास की लीला प्रेम और समर्पण का अनूठा उदाहरण है—जहाँ भक्ति अपने पूर्ण स्वरूप में प्रकाशित होती है। जो भी सच्चे मन से श्रीकृष्णजी की आराधना करता है, उसे उनके आशीर्वाद की अमृत वर्षा प्राप्त होती है। सुन्दर भजन में यह संदेश जीवंत होता है कि श्रीकृष्णजी की कृपा से जीवन की सारी कठिनाइयाँ समाप्त हो जाती हैं, और केवल आनंद ही शेष रहता है।
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Author - Saroj Jangir
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