ले भोले का नाम काहे दर दर भटके

ले भोले का नाम काहे दर दर भटके

ले भोले का नाम काहे दर दर भटके,
पायेगा आराम काहे दर दर भटके,
विष पी कर जो अमृत भानटे,
विपदा सब भक्तो की काटे,
सब से बड़ा धनवान वही है,
शिवशंकर भगवान वही है,
कर उसको परनाम काहे दर दर भटके....


सबके है जो पालनहारे,
भेखटके जा उनके दवारे,
देख दया की खान वही है,
देने वाला दानी वही है,
बन जाएगा काम काहे दर दर भटके....
ले भोले का नाम...

गली गली खाये जा ठोकर,
रूत गये जो भोले शंकर,
कोई करे गा मान नहीं है,
यानी फिर कल्याण नहीं है,
हो कर के बदनाम काहे दर दर भटके,
ले भोले का नाम...

वो तो है वरदानी जिनको ढूंढ रहा है प्राणी,
भट तू ले पहचान वही है शिव शंकर भगवान वही है,
कृष्ण बने कभी राम कहे दर दर भटके,
ले भोले का नाम...


सुंदर भजन में शिव के नाम की महिमा गूंजती है, जो मन को भटकने से रोककर शांति की राह दिखाती है। भोले का नाम लेने से हर दर-दर की ठोकर से छुटकारा मिलता है। यह भाव ऐसा है, जैसे कोई थका हुआ मुसाफिर आखिरकार घर की चौखट पर पहुंचकर सुकून पाए। शिव का नाम वह मंत्र है, जो मन के सारे बोझ हल्के कर देता है। भोले सबके पालनहार हैं, उनकी चौखट पर पहुंचने से सारी भटकन खत्म हो जाती है। उनकी दया की खान कभी खाली नहीं होती। यह ऐसा है, जैसे कोई भूखा व्यक्ति अन्न के भंडार के पास पहुंच जाए। सच्चे मन से उनकी शरण में जाने से हर काम बन जाता है। जैसे कोई विद्यार्थी गुरु के मार्गदर्शन से मुश्किल सवाल हल कर लेता है, वैसे ही शिव का नाम हर उलझन सुलझा देता है।

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