श्री गणेश मंत्र अर्थ और महत्त्व

श्री गणेश मंत्र अर्थ और महत्त्व

गजाननं भूतगणाधिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥

 
गजाननं भूतगणाधिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
 
मन्त्र का हिंदी मीनिंग : हे हाथी (गज ) के मुख वाले, भूत गणों के द्वारा सेवा किए जाने वाले, आप कपिथा (वुड एप्पल) जाम्बु /जामुन (रोज एप्पल) को ग्रहण (चाव से खाने वाले ) करने वाले, जो उमा के पुत्र हैं। आप समस्त दुखो को समाप्त करते हैं। मैं विघ्न को दूर करने वाले श्री गणेश जी को, जिनके चरण कमल के समान हैं, नमन करता हूँ।
भूत गण भगवान शिव के भक्त हैं। शिव पुत्र होने के कारण भूतगण को गणेश जी के भी भक्त कहा गया है। श्री गणेश जी को कैथ तथा जामुन के फल अत्यंत ही प्रिय हैं।

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
 
यह मंत्र भगवान गणेश के दिव्य स्वरूप और उनकी कृपा को उजागर करता है। इसमें गणेशजी को गजानन कहा गया है, जो भूतगणों द्वारा सेवित हैं और समस्त विघ्नों का नाश करने वाले हैं। उन्हें कपित्थ और जामुन के फल अत्यंत प्रिय हैं, जो उनकी सहजता और प्रियता को दर्शाते हैं। वे माता पार्वती के पुत्र हैं, जो भक्तों के सभी दुखों को समाप्त कर उनकी रक्षा करते हैं। इस मंत्र में गणेशजी के चरणों में नमन किया गया है, जो भक्त को शांति, सुख, और सफलता प्रदान करते हैं। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं और व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करता है। भगवान गणेश के प्रति सच्ची भक्ति से मन और आत्मा को दिव्य आनंद की प्राप्ति होती है।


सुंदर मंत्र में भगवान गणेश की दिव्यता और उनके कृपा रूप का स्पष्ट वर्णन किया गया है। गजानन, जो भूतगणों द्वारा सेवित हैं, उनके बारे में बताया गया है कि वे सभी विघ्नों का नाश करते हैं और भक्तों के जीवन को सुख-समृद्धि से भर देते हैं। गणेशजी माता पार्वती के पुत्र हैं और उनकी कृपा से भक्तों के समस्त शोक समाप्त होते हैं। उन्हें कैथ और जामुन के फल प्रिय हैं, जो उनके सरल और सौम्य स्वरूप को दर्शाते हैं। वे अपने भक्तों के हर संकट को दूर कर मार्ग को सुगम बनाते हैं।

गणेशजी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे जीवन की हर कठिनाई और बाधा को समाप्त कर देते हैं। यह मंत्र श्रद्धा और विश्वास के साथ जपा जाए तो व्यक्ति के मार्ग की सारी रुकावटें दूर हो सकती हैं, और सफलता का द्वार खुल सकता है।

यह मंत्र गणेशजी के चरणों में भक्त की प्रार्थना को अभिव्यक्त करता है, जहाँ वह अपने सभी दुःखों से मुक्ति पाकर दिव्य शांति और आनंद की प्राप्ति करता है। इस मंत्र का जाप भक्त को आत्मिक शांति और सिद्धि प्रदान करता है।

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