श्री गणेश मंत्र लिरिक्स Shri Ganesh Mantra Hindi
गजाननं भूतगणाधिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
Gajaananan Bhootaganaadhisevitan Kapitthajambuphalachaarubhakshanam.
Umaasutan Shokavinaashoram Namaami Vighnapaadapaadapam kajam Shok
Gajaananam Bhoot Ganaadi Sevitam, Kapittan Jambu Phal Chaaru Bhakshanam
Umaasutan Shok Vinaashakaaree, Namaami Vighmaan Paad Pankajam Shok
Umaasutan Shokavinaashoram Namaami Vighnapaadapaadapam kajam Shok
Gajaananam Bhoot Ganaadi Sevitam, Kapittan Jambu Phal Chaaru Bhakshanam
Umaasutan Shok Vinaashakaaree, Namaami Vighmaan Paad Pankajam Shok
गजाननं भूतगणाधिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम् ।
उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
उमासुतं शोकविनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
मन्त्र का हिंदी मीनिंग : हे हाथी (गज ) के मुख वाले, भूत गणों के द्वारा सेवा किए जाने वाले, आप कपिथा (वुड एप्पल) जाम्बु /जामुन (रोज एप्पल) को ग्रहण (चाव से खाने वाले ) करने वाले, जो उमा के पुत्र हैं। आप समस्त दुखो को समाप्त करते हैं। मैं विघ्न को दूर करने वाले श्री गणेश जी को, जिनके चरण कमल के समान हैं, नमन करता हूँ।
भूत गण भगवान शिव के भक्त हैं। शिव पुत्र होने के कारण भूतगण को गणेश जी के भी भक्त कहा गया है। श्री गणेश जी को कैथ तथा जामुन के फल अत्यंत ही प्रिय हैं।
भूत गण भगवान शिव के भक्त हैं। शिव पुत्र होने के कारण भूतगण को गणेश जी के भी भक्त कहा गया है। श्री गणेश जी को कैथ तथा जामुन के फल अत्यंत ही प्रिय हैं।
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥
श्लोक का अर्थ इस प्रकार है:
गजाननं भूत गणादि सेवितं - जो भूत गणों और अन्य अनुयायियों द्वारा सेवा किए जाते हैं।
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् - जो कपित्थ (वुड एप्पल) और जाम्बू (रोज एप्पल) के फल को चाव से खाते हैं।
उमासुतं शोक विनाशकारकम् - जो माता पार्वती के पुत्र हैं और शोक को नष्ट करते हैं।
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् - मैं विघ्नहर्ता के चरण कमलों को नमन करता हूं।
इस श्लोक में भगवान गणेश की विशेषताओं का वर्णन किया गया है। भगवान गणेश को भूत गणों और अन्य अनुयायियों द्वारा बहुत सम्मान दिया जाता है। उन्हें कपित्थ और जाम्बू के फल बहुत प्रिय हैं। वे माता पार्वती के पुत्र हैं और वे अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं। वे विघ्नहर्ता के रूप में भी जाने जाते हैं, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
इस श्लोक का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और वह अपने सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।
गजाननं भूत गणादि सेवितं - जो भूत गणों और अन्य अनुयायियों द्वारा सेवा किए जाते हैं।
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् - जो कपित्थ (वुड एप्पल) और जाम्बू (रोज एप्पल) के फल को चाव से खाते हैं।
उमासुतं शोक विनाशकारकम् - जो माता पार्वती के पुत्र हैं और शोक को नष्ट करते हैं।
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् - मैं विघ्नहर्ता के चरण कमलों को नमन करता हूं।
इस श्लोक में भगवान गणेश की विशेषताओं का वर्णन किया गया है। भगवान गणेश को भूत गणों और अन्य अनुयायियों द्वारा बहुत सम्मान दिया जाता है। उन्हें कपित्थ और जाम्बू के फल बहुत प्रिय हैं। वे माता पार्वती के पुत्र हैं और वे अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं। वे विघ्नहर्ता के रूप में भी जाने जाते हैं, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
इस श्लोक का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और वह अपने सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं