Shri Lalita Ashtottra Sata Namavali श्री ललिता 108 नाम नामावली
श्री ललिता 108 नाम नामावली एक हिंदू स्तुति है जो देवी ललिता के 108 नामों का उच्चारण करती है। यह स्तुति देवी की महिमा और शक्ति का वर्णन करती है। श्री ललिता 108 नाम नामावली का पाठ करने से देवी ललिता की कृपा प्राप्त होती है। यह पाठ करने से व्यक्ति को ज्ञान, समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है। श्री ललिता 108 नाम नामावली निम्नलिखित है:
- ॐ रजताचल शृंगाग्र मध्यस्थायै नमः
- ॐ हिमाचल महावंश पावनायै नमः
- ॐ शंकरार्धांग सौंदर्य शरीरायै नमः
- ॐ लसन्मरकत स्वच्च विग्रहायै नमः
- ॐ महातिशय सौंदर्य लावण्यायै नमः
- ॐ शशांकशेखर प्राणवल्लभायै नमः
- ॐ सदा पंचदशात्मैक्य स्वरूपायै नमः
- ॐ वज्रमाणिक्य कटक किरीटायै नमः
- ॐ कस्तूरी तिलकोल्लासित निटलायै नमः
- ॐ भस्मरेखांकित लसन्मस्तकायै नमः ॥ १० ॥
- ॐ विकचांभोरुहदल लोचनायै नमः
- ॐ शरच्चांपेय पुष्पाभ नासिकायै नमः
- ॐ लसत्कांचन ताटंक युगलायै नमः
- ॐ मणिदर्पण संकाश कपोलायै नमः
- ॐ तांबूलपूरितस्मेर वदनायै नमः
- ॐ सुपक्वदाडिमीबीज वदनायै नमः
- ॐ कंबुपूग समच्छाय कंधरायै नमः
- ॐ स्थूलमुक्ताफलोदार सुहारायै नमः
- ॐ गिरीशबद्दमांगल्य मंगलायै नमः
- ॐ पद्मपाशांकुश लसत्कराब्जायै नमः ॥ २० ॥
- ॐ पद्मकैरव मंदार सुमालिन्यै नमः
- ॐ सुवर्ण कुंभयुग्माभ सुकुचायै नमः
- ॐ रमणीयचतुर्भाहु संयुक्तायै नमः
- ॐ कनकांगद केयूर भूषितायै नमः
- ॐ बृहत्सौवर्ण सौंदर्य वसनायै नमः
- ॐ बृहन्नितंब विलसज्जघनायै नमः
- ॐ सौभाग्यजात शृंगार मध्यमायै नमः
- ॐ दिव्यभूषणसंदोह रंजितायै नमः
- ॐ पारिजातगुणाधिक्य पदाब्जायै नमः
- ॐ सुपद्मरागसंकाश चरणायै नमः ॥ ३० ॥
- ॐ कामकोटि महापद्म पीठस्थायै नमः
- ॐ श्रीकंठनेत्र कुमुद चंद्रिकायै नमः
- ॐ सचामर रमावाणी विराजितायै नमः
- ॐ भक्त रक्षण दाक्षिण्य कटाक्षायै नमः
- ॐ भूतेशालिंगनोध्बूत पुलकांग्यै नमः
- ॐ अनंगभंगजन कापांग वीक्षणायै नमः
- ॐ ब्रह्मोपेंद्र शिरोरत्न रंजितायै नमः
- ॐ शचीमुख्यामरवधू सेवितायै नमः
- ॐ लीलाकल्पित ब्रह्मांडमंडलायै नमः
- ॐ अमृतादि महाशक्ति संवृतायै नमः ॥ ४० ॥
- ॐ एकापत्र साम्राज्यदायिकायै नमः
- ॐ सनकादि समाराध्य पादुकायै नमः
- ॐ देवर्षभिस्तूयमान वैभवायै नमः
- ॐ कलशोद्भव दुर्वास पूजितायै नमः
- ॐ मत्तेभवक्त्र षड्वक्त्र वत्सलायै नमः
- ॐ चक्रराज महायंत्र मध्यवर्यै नमः
- ॐ चिदग्निकुंडसंभूत सुदेहायै नमः
- ॐ शशांकखंडसंयुक्त मकुटायै नमः
- ॐ मत्तहंसवधू मंदगमनायै नमः
- ॐ वंदारुजनसंदोह वंदितायै नमः ॥ ५० ॥
- ॐ अंतर्मुख जनानंद फलदायै नमः
- ॐ पतिव्रतांगनाभीष्ट फलदायै नमः
- ॐ अव्याजकरुणापूरपूरितायै नमः
- ॐ नितांत सच्चिदानंद संयुक्तायै नमः
- ॐ सहस्रसूर्य संयुक्त प्रकाशायै नमः
- ॐ रत्नचिंतामणि गृहमध्यस्थायै नमः
- ॐ हानिवृद्धि गुणाधिक्य रहितायै नमः
- ॐ महापद्माटवीमध्य निवासायै नमः
- ॐ जाग्रत् स्वप्न सुषुप्तीनां साक्षिभूत्यै नमः
- ॐ महापापौघपापानां विनाशिन्यै नमः ॥ ६० ॥
- ॐ दुष्टभीति महाभीति भंजनायै नमः
- ॐ समस्त देवदनुज प्रेरकायै नमः
- ॐ समस्त हृदयांभोज निलयायै नमः
- ॐ अनाहत महापद्म मंदिरायै नमः
- ॐ सहस्रार सरोजात वासितायै नमः
- ॐ पुनरावृत्तिरहित पुरस्थायै नमः
- ॐ वाणी गायत्री सावित्री सन्नुतायै नमः
- ॐ रमाभूमिसुताराध्य पदाब्जायै नमः
- ॐ लोपामुद्रार्चित श्रीमच्चरणायै नमः
- ॐ सहस्ररति सौंदर्य शरीरायै नमः ॥ ७० ॥
- ॐ भावनामात्र संतुष्ट हृदयायै नमः
- ॐ सत्यसंपूर्ण विज्ञान सिद्धिदायै नमः
- ॐ त्रिलोचन कृतोल्लास फलदायै नमः
- ॐ सुधाब्धि मणिद्वीप मध्यगायै नमः
- ॐ दक्षाध्वर विनिर्भेद साधनायै नमः
- ॐ श्रीनाथ सोदरीभूत शोभितायै नमः
- ॐ चंद्रशेखर भक्तार्ति भंजनायै नमः
- ॐ सर्वोपाधि विनिर्मुक्त चैतन्यायै नमः
- ॐ नामपारायणाभीष्ट फलदायै नमः
- ॐ सृष्टि स्थिति तिरोधान संकल्पायै नमः ॥ ८० ॥
- ॐ श्रीषोडशाक्षरि मंत्र मध्यगायै नमः
- ॐ अनाद्यंत स्वयंभूत दिव्यमूर्त्यै नमः
- ॐ भक्तहंस परीमुख्य वियोगायै नमः
- ॐ मातृ मंडल संयुक्त ललितायै नमः
- ॐ भंडदैत्य महसत्त्व नाशनायै नमः
- ॐ क्रूरभंड शिरछ्चेद निपुणायै नमः
- ॐ धात्र्यच्युत सुराधीश सुखदायै नमः
- ॐ चंडमुंडनिशुंभादि खंडनायै नमः
- ॐ रक्ताक्ष रक्तजिह्वादि शिक्षणायै नमः
- ॐ महिषासुरदोर्वीर्य निग्रहयै नमः ॥ ९० ॥
- ॐ अभ्रकेश महोत्साह कारणायै नमः
- ॐ महेशयुक्त नटन तत्परायै नमः
- ॐ निजभर्तृ मुखांभोज चिंतनायै नमः
- ॐ वृषभध्वज विज्ञान भावनायै नमः
- ॐ जन्ममृत्युजरारोग भंजनायै नमः
- ॐ विदेहमुक्ति विज्ञान सिद्धिदायै नमः
- ॐ कामक्रोधादि षड्वर्ग नाशनायै नमः
- ॐ राजराजार्चित पदसरोजायै नमः
- ॐ सर्ववेदांत संसिद्द सुतत्त्वायै नमः
- ॐ श्री वीरभक्त विज्ञान निधानायै नमः ॥ १०० ॥
- ॐ आशेष दुष्टदनुज सूदनायै नमः
- ॐ साक्षाच्च्रीदक्षिणामूर्ति मनोज्ञायै नमः
- ॐ हयमेथाग्र संपूज्य महिमायै नमः
- ॐ दक्षप्रजापतिसुत वेषाढ्यायै नमः
- ॐ सुमबाणेक्षु कोदंड मंडितायै नमः
- ॐ नित्ययौवन मांगल्य मंगलायै नमः
- ॐ महादेव समायुक्त शरीरायै नमः
- ॐ महादेव रत्यौत्सुक्य महदेव्यै नमः
- ॐ चतुर्विंशतंत्र्यैक रूपायै ॥१०८ ॥
- श्री ललिताष्टोत्तर शतनामावलि संपूर्णम्
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