मोरे सबरे बना रई काम शारदा मैहर
मोरे सबरे बना रई काम शारदा मैहर की
शारदा मैहर की,
मोरे बिगड़े बना रही काम,
शारदा मैहर की।।
मेघ दया के पल-पल बरसे,
पूरन भई जी, खो हम तरसे,
देश-देशन करा रही नाम,
शारदा मैहर की।।
तुम ना रूठो, चाहे सब जग रूठे,
द्वार दया का, कबहु ना छूटे,
स्वीकारो मोरे प्रणाम,
शारदा मैहर की।।
त्राहिमाम, हौं शरण तुम्हारी,
मैं सेवक समेत सुत-नारी,
चरण सेवा में रख लइए धाम,
शारदा मैहर की।।
जय-जय गिरिवरराज किशोरी,
जय महेशमुख चंद्र चकोरी,
पाप हर लइए मोरे तमाम,
शारदा मैहर की।।
मोरे सबरे बना रही काम,
शारदा मैहर की,
मोरे बिगड़े बना रही काम,
शारदा मैहर की।।
माँ शारदे का मनमोहक भजन||रामकिशोर मुखिया यादव(बुन्देली भजन सम्राट)
सुंदर भजन में माँ शारदा मैहर की कृपा का भावप्रवण उदगार प्रकट हुआ है। यह भजन भक्त की श्रद्धा और विश्वास को मजबूत करता है, जिससे जीवन की बाधाएँ सहजता से दूर होती हैं। माँ शारदा की कृपा से साधक के बिगड़े कार्य भी बनते हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
इसमें माँ शारदा को करुणामयी, स्नेह से ओत-प्रोत और भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने वाली देवी के रूप में दर्शाया गया है। उनकी कृपा से मेघ दया के रूप में बरसते हैं और साधक की समस्त आकांक्षाएँ पूर्ण होती हैं। माँ के नाम से देश-देशन में भक्तों को प्रेरणा मिलती है और वे उन्हें अपनी साधना में प्रतिष्ठित करते हैं।
उदगार के रूप में यह भजन प्रदर्शित करता है कि माँ शारदा के चरणों में अटूट श्रद्धा रखने से जीवन में कभी निराशा नहीं आती। जब जगत रूठ जाए तब भी माँ का द्वार भक्तों के लिए सदैव खुला रहता है। माँ शारदा की कृपा से समस्त संकट दूर होते हैं और भक्त सहजता से जीवन की कठिनाइयों को पार कर सकते हैं।
रामकिशोर मुखिया(बुन्देली भजन सम्राट)
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