मोरे सबरे बना रई काम शारदा मैहर

मोरे सबरे बना रई काम शारदा मैहर की

 मोरे सबरे बना रही काम,
शारदा मैहर की,
मोरे बिगड़े बना रही काम,
शारदा मैहर की।।

मेघ दया के पल-पल बरसे,
पूरन भई जी, खो हम तरसे,
देश-देशन करा रही नाम,
शारदा मैहर की।।

तुम ना रूठो, चाहे सब जग रूठे,
द्वार दया का, कबहु ना छूटे,
स्वीकारो मोरे प्रणाम,
शारदा मैहर की।।

त्राहिमाम, हौं शरण तुम्हारी,
मैं सेवक समेत सुत-नारी,
चरण सेवा में रख लइए धाम,
शारदा मैहर की।।

जय-जय गिरिवरराज किशोरी,
जय महेशमुख चंद्र चकोरी,
पाप हर लइए मोरे तमाम,
शारदा मैहर की।।

मोरे सबरे बना रही काम,
शारदा मैहर की,
मोरे बिगड़े बना रही काम,
शारदा मैहर की।।


माँ शारदे का मनमोहक भजन||रामकिशोर मुखिया यादव(बुन्देली भजन सम्राट)
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