(मुखड़ा) अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी, अंगना पधारो मेरे, संकट निवारो, अंगना पधारो मेरे, संकट निवारो, संकट निवारो मेरी, बिगड़ी संवारो, जगदंबे भवानी, अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी।।
(अंतरा) पहली नवरात्रि मेरे, पाप नाश करना, दूसरी नवरात्रि कष्ट,
संताप हरना, तीसरी नवरात्रि भरम, मन के मिटाना, चौथी नवरात्रि मेरी, किस्मत चमकाना, पांचवीं नवरात्रि दोष, अवगुण बिसारो, जगदंबे भवानी, अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी।।
छठी नवरात्रि छुटकारा, हो मोह जाल से, सातवीं नवरात्रि गाऊं,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
महिमा सुरताल से, अष्टमी को आना, रूप अष्टभुजी धारकर, नवमी को निष्काम, भक्ति का देना वर, तुम हो तारणहार मैया, मेरी भी तारो, जगदंबे भवानी, अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी।।
करती हो मैया सबकी, पूरी मनोकामना, 'लख्खा' के दिल में तेरे,
दर्शन की भावना, टूटे ना मेरे विश्वास, की ये डोरी, तरस कान मेरे, सुनने को लोरी, अपने 'सरल' को बेटा, कहके पुकारो, जगदंबे भवानी, अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी।।
(पुनरावृति) अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी, अंगना पधारो मेरे, संकट निवारो, अंगना पधारो मेरे, संकट निवारो, संकट निवारो मेरी, बिगड़ी संवारो, जगदंबे भवानी, अब के नवरात मेरे, अंगना पधारो जगदंबे भवानी।।
Ab Ke Navraatre Mere Angna Padharo
जगदंबे भवानी, माता की नवरात्रि में साधक की पुकार है, जो उनके अंगना में कृपा और संकट निवारण की याचना करता है। पहली नवरात्रि में पाप नाश, दूसरी में कष्ट हर, तीसरी में भ्रम मिटाने की प्रार्थना। चौथी में किस्मत चमकाने, पाँचवीं में दोष भुलाने की विनती। छठी में मोहजाल से मुक्ति, सातवीं में माता की महिमा गाने, अष्टमी में अष्टभुजी रूप में दर्शन, और नवमी में निष्काम भक्ति का वर माँगा। माता सबकी मनोकामना पूर्ण करती, लख्खा और सरल जैसे साधकों के विश्वास को डोरी बनाए रखती, उन्हें पुत्रवत पुकारती। यह माता भक्ति का उत्सव है, जहाँ नवरात्रि में साधक की श्रद्धा और प्रेम से जगदंबे बिगड़ी संवारती, संकट हरती, और जीवन को शांति व कृपा से भर देती हैं।
Provided to YouTube by Super Cassettes Industries Limited- Ab Ke Navraatre Mere Angna Padharo · Lakhbir Singh Lakkha -Maa Dar Pe Bulayegi