तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई लिरिक्स Tere Lala Ne Mati Khayi Yashoda Sun Mayi Lyrics


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तेरे लाला ने माटी खाई यशोदा सुन माई लिरिक्स Tere Lala Ne Mati Khayi Yashoda Sun Mayi Lyrics

तेरे लाला ने माटी खाई,
यशोदा सुन माई।
अद्भुत खेल सखन संग खेलो।
यशोदा सुन माई।

छोटों सो माटी को ढेलों,
लै कान्हा ने मुख में मेलो,
गटक-गटक गटकाई,
यशोदा सुन माई ॥

दूध-दही को कबहुँ न नाटी,
क्यों लाला तैने खाई माटी,
यशुदा समझा रही लै साँटी,
याने नेक दया नहिं आई,
यशोदा सुन माई

मुख के माहीं आँगुली मेली,
निकल पड़ी माटी की ढेली
भीर भई सखियन की भेली,
याने देखें लोग-लुगाई,
यशोदा सुन माई ॥

मोहन का मुखड़ा फरवाया,
तीन लोक मुख अंदर पाया,
तब भरोस यशुदा कहँ आया,
ये तो पूरन ब्रह्म कन्हाई,
यशोदा सुन माई ॥

भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं श्री खाटू श्याम जी : श्री श्याम बाबा को खाटू नरेश भी कहा जाता है और अपने भक्तों के हर दुःख दर्द दूर करते हैं। श्री श्याम बाबा सीकर जिले के खाटू नगर में विराजमान है। श्री खाटू श्याम बाबा को श्री कृष्ण जी से आशीर्वाद प्राप्त था की वे कलयुग में कृष्ण जी के अवतार के रूप में पूजे जाएंगे और इनकी शरण में आने वाले की हर पीड़ा को स्वंय भगवान् श्री कृष्ण हर लेंगे। श्री खाटू श्याम जी के मुख मंदिर के अलावा दर्शनीय स्थलों में श्री श्याम कुंड और श्याम बगीची भी हैं जो मंदिर परिसर के पास में ही स्थित हैं।

"तेरे लाला ने माटी खाई,
यशोदा सुन माई।
अद्भुत खेल सखन संग खेलो।
यशोदा सुन माई।"


यह भजन कृष्ण की बालसमायी लीलाओं का वर्णन करता है। इस भजन में, कृष्ण एक बालक के रूप में माटी खाते हैं। यह एक अद्भुत लीला है, जो कृष्ण के अलौकिक स्वरूप और उनके भगवान होने का प्रमाण है। पहले दो छंदों में, भजनकार यशोदा मैया को बताती है कि उनके लाला ने माटी खा ली है। यह सुनकर यशोदा मैया को बहुत गुस्सा आता है। वे कृष्ण को समझाने की कोशिश करती हैं, लेकिन कृष्ण उनकी बात नहीं मानते हैं।
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