ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे
ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे
ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे,सब से पावन पर्व हमारा इसे मनाऊ रे,
सूंदर चमन है सो सो नमन है शीश झुकाओ रे,
ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे,
वीरो ने जान गवा के हम को ये दिन दिखलाया,
फांसी की तखत पर चढ़ के वंदे मातरम गाया,
कितना रंगीला कितना सजीला बलि बलि जाऊ रे,
ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे,
आया ये पर्व ख़ुशी का तब सविधान भी महका,
पा कर ये खुशाली सब का मन था चेहका,
ऐसा सृजन है दुनिया मगन है की मैं भी गाउ रे,
ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे,
आउ सभी जय बोले मिल कर भारत माँ की,
अंजू देवेंदर सजाये देश की सूंदर झांकी,
ये ईश्वर है हर मजहब है मैं इतराओ रे,
ये गणतंत्र दिवस है प्यारा इसे मनाऊ रे,
कोई सैनिक सीमा पर अपनी जान देता है, वैसे ही क्रांतिकारियों ने फाँसी के फंदे को गले लगाकर "वंदे मातरम्" का नारा बुलंद किया। यह बलिदान हमें स्वतंत्रता की कीमत सिखाता है और कृतज्ञता के साथ जीने की प्रेरणा देता है।
गणतंत्र दिवस संविधान के लागू होने की खुशी का उत्सव है, जो हर नागरिक को समानता और न्याय का अधिकार देता है। यह एक ऐसा सृजन है, जो भारत की विविधता को एक सूत्र में बाँधता है। जैसे नदियाँ अलग-अलग दिशाओं से आकर सागर में मिलती हैं, वैसे ही विभिन्न धर्म, संस्कृति और भाषाएँ इस देश में एकजुट होकर भारत माता की जय गाती हैं। यह पर्व हमें एकता की शक्ति और आपसी भाईचारे का महत्व समझाता है।
हर मजहब, हर विश्वास को साथ लेकर यह दिन हमें देश के प्रति निष्ठा और प्रेम की भावना से भर देता है। यह उत्सव केवल बाहरी आयोजनों तक सीमित नहीं, बल्कि मन में देशभक्ति की ज्योति जलाने का अवसर है। जैसे दीपक की लौ छोटी होकर भी अंधेरा मिटाती है, वैसे ही प्रत्येक नागरिक का छोटा-सा योगदान देश को और सशक्त बनाता है।
गणतंत्र दिवस संविधान के लागू होने की खुशी का उत्सव है, जो हर नागरिक को समानता और न्याय का अधिकार देता है। यह एक ऐसा सृजन है, जो भारत की विविधता को एक सूत्र में बाँधता है। जैसे नदियाँ अलग-अलग दिशाओं से आकर सागर में मिलती हैं, वैसे ही विभिन्न धर्म, संस्कृति और भाषाएँ इस देश में एकजुट होकर भारत माता की जय गाती हैं। यह पर्व हमें एकता की शक्ति और आपसी भाईचारे का महत्व समझाता है।
हर मजहब, हर विश्वास को साथ लेकर यह दिन हमें देश के प्रति निष्ठा और प्रेम की भावना से भर देता है। यह उत्सव केवल बाहरी आयोजनों तक सीमित नहीं, बल्कि मन में देशभक्ति की ज्योति जलाने का अवसर है। जैसे दीपक की लौ छोटी होकर भी अंधेरा मिटाती है, वैसे ही प्रत्येक नागरिक का छोटा-सा योगदान देश को और सशक्त बनाता है।
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