अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ लिरिक्स Amrit Aur Jahar Lyrics

अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ लिरिक्स Amrit Aur Jahar Lyrics

 
अमृत और ज़हर दोनों हैं सागर में एक साथ लिरिक्स Amrit Aur Jahar Lyrics

मंथन का अधिकार है सबको फल प्रभु तेरे हाथ
तेरे फूलों से भी प्यार,
तेरे काँटों से भी प्यार
जो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार
तेरे फूलों से भी प्यार

चाहे सुख दे या दुःख, चाहे ख़ुशी दे या गम
मालिक जैसे भी रखेगा वैसे रह लेंगे हम
चाहे हंसी भरा संसार दे या आंसुओं की धार
दो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार

हमको दोनों हैं पसंद तेरी धूप और छाँव
दाता किसी भी दिशा में ले चल ज़िन्दगी की नाव
चाहे हमें लगा दे पार डूबा दे चाहे हमे मझधार
दो भी देना चाहे देदे करतार
दुनिया के तारनहार


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