उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम जिधर भी देखूं मैं लिरिक्स Uttar Dakshin Purab Lyrics

उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम जिधर भी देखूं मैं लिरिक्स Uttar Dakshin Purab Lyrics, Old Song Lyrics

 
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम जिधर भी देखूं मैं लिरिक्स Uttar Dakshin Purab Lyrics

उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम जिधर भी देखूं मैं,
अंधकार अंधकार अँधेरे में जो बैठे हैं,
नज़र उन पर भी कुछ डालो,
अरे ओ रौशनी वालो,
बुरे इतने नहीं हैं हम,
जरा देखो हमे भालो,
अरे ओ रौशनी वालो,

कफ़न से ढँक कर बैठे हैं
हम सपनो की लाशो को
जो किस्मत ने दिखाए
देखते हैं उन उन तमाशों को
हमे नफरत से मत देखो
जरा हम पर रहम खालो
अरे ओ रौशनी वालो

हमारे भी थे कुछ साथी
हमारे भी थे कुछ सपने
सभी वो राह में छूटे
वो सब रूठे जो थे अपने
जो रोते हैं कई दिन से
जरा उनको भी समझा लो
अरे ओ रौशनी वालो
अँधेरे में जो बैठे हैं
नज़र उन पर भी कुछ डालो
अरे ओ रौशनी वालो
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम जिधर भी देखूं मैं,
अंधकार अंधकार अँधेरे में जो बैठे हैं,
नज़र उन पर भी कुछ डालो,
अरे ओ रौशनी वालो,
बुरे इतने नहीं हैं हम,
जरा देखो हमे भालो,
अरे ओ रौशनी वालो,


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