अँगूठी मोय साँच बताय दे लिरिक्स

अँगूठी मोय साँच बताय दे Anguthi Moy Sanch Batay De

अँगूठी मोय साँच बताय दे
अँगूठी मोय साँच बताय दे,
अरी मोय साँच बताय दे,
कहाँ छोड़े लछमन राम।
अँगूठी धीर बँधाय दे,
अरी मोय धीर बँधाय दे,
कहाँ छोड़े लछमन राम।
छोड़े री मैंने अवधपुरी दरम्यान,
मार दए कैकेयी ने सब मान,
प्रजा के पालनहारे,
वहीं छोड़े लछमन राम॥
अँगूठी मोय ----

छोड़े री मैंने जनकपुरी दरम्यान,
मार दए सब भूपन के मान,
धनुष के तोड़नहारे,
वहीं छोड़े लछमन राम॥
अँगूठी मोय ----

छोड़े री मैंने चित्रकूट दरम्यान,
जहाँ मरे तिरदेवों के मान,
भरत के मेलनहारे,
वहीं छोड़े लछमन राम॥
अँगूठी मोय ----

छोड़े री मैंने पंचवटी दरम्यान,
काट दए सूपनखाँ के कान,
नाक के काटनहारे,
वहीं छोड़े लछमन राम॥
अँगूठी मोय ----
 
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