बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
बाल अवस्था खेल गवायो,
जब यौवन तब मान घना रे,
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
लाहे कारण मूल गँवायो,
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे,
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
पार उतर गये संत जना रे,
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
भजन बिना रे भजन बिना रे।
बाल अवस्था खेल गवायो,
जब यौवन तब मान घना रे,
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
लाहे कारण मूल गँवायो,
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे,
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
पार उतर गये संत जना रे,
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
बीत गये दिन भजन बिना रे,
भजन बिना रे भजन बिना रे।
Beet Gaye Din Bhajan Bina Re
कबीर की विचारधारा एक समग्र और व्यापक विचारधारा है, जो जीवन के सभी पहलुओं को कवर करती है। कबीर एक निर्गुण भक्त थे, अर्थात् वे ईश्वर को किसी भी रूप या मूर्ति में नहीं मानते थे। वे ईश्वर को एक सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान सत्ता के रूप में मानते थे। कबीर के अनुसार, ईश्वर को केवल भक्ति और प्रेम के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- जहाँ देखा वहां तू का तू लिरिक्स Jaha Dekha Waha Tu Ka Tu Lyrics
- मैं वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे लिरिक्स Me Wari Jau Re Balihari Jau Re Lyrics
- अवधूता गगन घटा गहरानी रे कबीर भजन लिरिक्स Avdhuta Gagan Ghata Gahrani Re Lyrics
- रहना नहीं देश विराना है लिरिक्स Rahana Nahi Desh Virana Lyrics
- बिना भेद बहार मत भटको लिरिक्स Bina Bhed Bahar Mat Bhatko Lyrics
- बीत गये दिन भजन बिना रे लिरिक्स हिंदी Beet Gaye Din Bhajan Bina Re Kabir Bhajan Lyrics