ब्रज की यह होली रस भरी
ब्रज की यह होली रस भरी Braj Ki Holi Ras Bhari
खेले प्रियकांत सरकार ग्वालन संग ले एक लोकप्रिय होली गीत है जो उत्तर भारत में गाया जाता है। इस गीत में, एक युवा व्यक्ति अपनी प्रेमिका को होली खेलने के लिए आमंत्रित कर रहा है। वह उसे आश्वासन देता है कि वह पूरी तरह से आनंद लेगी और उसे रंगों से डुबो देगी। यह गीत होली के त्योहार की खुशी और उत्साह को दर्शाता है और लोगों को एक-दूसरे के करीब लाता है।

खेले प्रियकांत सरकार ग्वालन संग ले
मन भर के तू आनंद ले
ओ रसियन संग धुंआधार
डरवाये ले हम पे रंगभरी
पिचकारिन की बौझार
फागुन को महीना मद भरयो
रसियन संग को त्यौहार
खेले प्रियकांत सरकार होली खेल रे
ब्रज की होली : ब्रज की होली का अपना अलग ही रंग होता है। यहाँ होली श्री राधा जी और श्री कृष्ण ने खेली थी इसलिए ब्रज की होली तो सबसे न्यारी है। ब्रज में होली एक महीने पहले से शुरू हो जाती है और कई दिनों तक चलती है। ब्रज में एक होती है लठ्ठमार होली और दूसरी होली होती है फूलों की होली। फूलों की होली में लोग श्री राधा जी का रूप धारण करते हैं और फूलों से होली खेलते हैं। रंगों की जगह लोग फूल बरसाते हैं और फाल्गुन के गीत गाते हैं, नृत्य करते हैं। इसके आलावा लड्डू फ़ेंक करके भी होली खेली जाती है। वही बरसाने की लठ्ठ मार होली विश्व प्रसिद्ध है जिसकी अपनी ही रौनक होती है।
Braj Ki Yeh Hori Ras Bhari || ब्रज की यह होरी रस भरी
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