रंग डारूं श्री गिरिधर लाल पै केसर की बूंदन रंग डारुं लिरिक्स
रंग डारुं श्री मोहनलाल पै,
केसर की बूंदन रंग डारुं
ब्रज के रसिया खेलन आये
खेलन के दिन चार जी
केसर की बूंदन
ग्वाल बाल सब हो हो करत हैं
मुख तें गावें गारी जी,
केसर की बूंदन रंग डारुं,
चोवा चंदन अगर कुंकुमा
उडत अबीर गुलाल जी
केसर की बूंदन रंग डारुं
भर पिचकारी पिया पे मारी
मारूं बारम्बार जी,
केसर की बूंदन रंग डारुं
पुरुषोत्तमप्रभु होरी खेलें
श्री वल्लभ जू के द्वार जी
केसर की बूंदन रंग डारु रंग डारुं श्री मोहनलाल पै,
केसर की बूंदन रंग डारुं
ब्रज के रसिया खेलन आये
Govardhan:रंग डारूँगी, डारूँगी , रंग डारूँगी नंद के लालन पै ।। Rang darungi darungi
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