चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है लिरिक्स Charago ka Laga Mela Lyrics

चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है लिरिक्स Charago ka Laga Mela Lyrics, Old Song

चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है लिरिक्स Charago ka Laga Mela Lyrics

चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है
मगर वो रौशनी है कहाँ
मुझे जिसकी जरुरत है
ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ
मेरी है अब तलक रात काली

जगमगाते दियो मत जलो
मुझसे रूठी है मेरी दिवाली
ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ

जिनसे रोशन थी ये ज़िन्दगी
वो तो जाने कहीं चल दिए
रौशनी मेरे आकाश को
देने वाले कहीं चल दिए
चल दिए है मेरे देवता
जिनका मंजर पड़ा आज खाली
जगमगाते दियो, मत जलो
मुझसे रूठी है मेरी दिवाली

मैं जितना आज हूँ उतना ना था उदास कभी
चले गए वो बड़ी दूर जो थे पास कभी
अनाथ कर गए मुझको बिसारने वाले
बिना बताये अचानक सिधारने वाले
कहा हो ऐ मेरी बिगड़ी सँवारने वालों
पुकार लो मुझे बेटा पुकारने वालों
चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है
मगर वो रौशनी है कहाँ
मुझे जिसकी जरुरत है
ये ख़ुशी लेके मैं क्या करूँ
मेरी है अब तलक रात काली



चरागों का लगा मेला ये झांकी खूबसूरत है लिरिक्स Charago ka Laga Mela Lyrics, Old Song

 
यह गीत एक व्यक्ति के बारे में है जो अपने प्रियजनों के नुकसान से दुखी है। वह अपने जीवन में खुशियों और खुशियों की कमी को महसूस करता है। गीत की शुरुआत में, गायक कहता है कि वह दिवाली की खुशी से खुश नहीं है। वह कहता है कि उसके प्रियजनों के बिना, उसके लिए कोई खुशी नहीं है। गीत का दूसरा भाग गायक के नुकसान की तीव्रता पर प्रकाश डालता है। वह कहता है कि उसके प्रियजन उसके जीवन को रोशन करते थे। उनके बिना, वह जीवन में अंधेरे में है। गीत का अंत गायक की निराशा पर समाप्त होता है। वह कहता है कि वह अपने प्रियजनों को खोने के कारण बहुत दुखी है। वह उन्हें वापस पाने के लिए कुछ भी करेगा।

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