गई किस्मत संवर श्याम आकर इधर लिरिक्स

गई किस्मत संवर श्याम आकर इधर लिरिक्स

गई किस्मत संवर श्याम आकर इधर,
अब मैं जाऊँ किधर जब इधर आ गया,
बीता दिन मस्ती में रात बीती भली,
नाम तेरे का ऐसा नशा छा गया,
गयी क़िस्मत संवर श्याम आकर इधर।

दुनिया वालों ने जब भी अकेला किया,
मैंने पाया है हर पल सहारा तेरा,
मुझको परवाह नहीं अब ज़माने की कुछ,
साथी हारे का जब मेरे साथ आ गया,
गयी क़िस्मत संवर श्याम आकर इधर।

खुबिया है बड़ी तेरे दरबार की,
क्या गिनाऊँ मैं ना ये जुबा कह सके,
जो गया खाटू नगरी वो तेरा हो गया,
प्यार तेरा उसे इस कदर भा गया,
गयी क़िस्मत संवर श्याम आकर इधर।

मेरा घर बार संसार खुशियों से यूँ,
सांवरे तूने ऐसा चहका दिया,
महकी बगियाँ में आंगन भरा कर दिया,
दर से चाहा है जो भी हूँ मैं पा गया,
गयी क़िस्मत संवर श्याम आकर इधर।

आप का शुकरियाँ मुझको अपना लिया,
अपने चरणों की भक्ति सदा दीजिये,
श्याम शब्दो की माला जो बक्शी मुझे,
दास दीपक बना कर भजन गा गया,
गयी क़िस्मत संवर श्याम आकर इधर। 
 
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post