गणेश अष्टोत्तार शतनामावली Ganesha Ashtottara Shatanamavali Hindi
॥ गणॆश अष्टॊत्तर शत नामावळि ॥ ॐ गजाननाय नमः । ॐ गणाध्यक्षाय नमः ।
ॐ विघ्नराजाय नमः । ॐ विनायकाय नमः ।
ॐ द्वैमातुराय नमः । ॐ द्विमुखाय नमः ।
ॐ प्रमुखाय नमः । ॐ सुमुखाय नमः ।
ॐ कृतिनॆ नमः । ॐ सुप्रदीपाय नमः ॥ १० ॥
ॐ सुख निधयॆ नमः । ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।
ॐ सुरारिघ्नाय नमः । ॐ महागणपतयॆ नमः ।
ॐ मान्याय नमः । ॐ महा कालाय नमः ।
ॐ महा बलाय नमः । ॐ हॆरंबाय नमः ।
ॐ लंब जठराय नमः । ॐ ह्रस्वग्रीवाय नमः ॥ २० ॥
ॐ महॊदराय नमः । ॐ मदॊत्कटाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः । ॐ मंत्रिणॆ नमः ।
ॐ मंगळ स्वरूपाय नमः । ॐ प्रमॊदाय नमः ।
ॐ प्रथमाय नमः । ॐ प्राज्ञाय नमः ।
ॐ विघ्नकर्त्रॆ नमः । ॐ विघ्नहंत्रॆ नमः ॥ ३० ॥
ॐ विश्व नॆत्रॆ नमः । ॐ विराट्पतयॆ नमः ।
ॐ श्रीपतयॆ नमः । ॐ वाक्पतयॆ नमः ।
ॐ शृंगारिणॆ नमः । ॐ अश्रित वत्सलाय नमः ।
ॐ शिवप्रियाय नमः । ॐ शीघ्रकारिणॆ नमः
ॐ शाश्वताय नमः । ॐ बलाय नमः ॥ ४० ॥
ॐ बलॊत्थिताय नमः । ॐ भवात्मजाय नमः ।
ॐ पुराण पुरुषाय नमः । ॐ पूष्णॆ नमः ।
ॐ पुष्करॊत्षिप्त वारिणॆ नमः । ॐ अग्रगण्याय नमः ।
ॐ अग्रपूज्याय नमः । ॐ अग्रगामिनॆ नमः ।
ॐ मंत्रकृतॆ नमः । ॐ चामीकर प्रभाय नमः ॥ ५० ॥
ॐ सर्वाय नमः । ॐ सर्वॊपास्याय नमः ।
ॐ सर्व कर्त्रॆ नमः । ॐ सर्व नॆत्रॆ नमः ।
ॐ सर्वसिद्धि प्रदाय नमः । ॐ सर्व सिद्धयॆ नमः ।
ॐ पंचहस्ताय नमः । ॐ पर्वतीनंदनाय नमः ।
ॐ प्रभवॆ नमः । ॐ कुमार गुरवॆ नमः ॥ ६० ॥
ॐ अक्षॊभ्याय नमः । ॐ कुंजरासुर भंजनाय नमः ।
ॐ प्रमॊदात्त नयनाय नमः । ॐ मॊदकप्रियाय नमः . ।
ॐ कांतिमतॆ नमः । ॐ धृतिमतॆ नमः ।
ॐ कामिनॆ नमः । ॐ कपित्थवन प्रियाय नमः ।
ॐ ब्रह्मचारिणॆ नमः । ॐ ब्रह्मरूपिणॆ नमः ॥ ७० ॥
ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवॆ नमः । ॐ जिष्णवॆ नमः ।
ॐ विष्णुप्रियाय नमः । ॐ भक्त जीविताय नमः ।
ॐ जित मन्मथाय नमः । ॐ ऐश्वर्य कारणाय नमः ।
ॐ ज्यायसॆ नम । ॐ यक्षकिन्नर सॆविताय नमः ।
ॐ गंगा सुताय नमः । ॐ गणाधीशाय नमः ॥ ८० ॥
ॐ गंभीर निनदाय नमः । ॐ वटवॆ नमः ।
ॐ अभीष्ट वरदाय नमः । ॐ ज्यॊतिषॆ नमः ।
ॐ भक्त निधयॆ नमः । ॐ भाव गम्याय नमः ।
ॐ मंगळ प्रदाय नमः । ॐ अव्यक्ताय नमः ।
ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः । ॐ सत्य धर्मिणॆ नमः ॥ ९० ॥
ॐ सखयॆ नमः । ॐ सरसांबु निधये नमः ।
ॐ महॆशाय नमः । ॐ दिव्यांगाय नमः ।
ॐ मणिकिंकिणी मॆखलाय नमः । ॐ समस्त दॆवता मूर्तयॆ नमः ।
ॐ सहिष्णवॆ नमः । ॐ सततॊत्थिताय नमः ।
ॐ विघात कारिणॆ नमः । ॐ विश्वग्दृशॆ नमः ॥ १०० ॥
ॐ विश्वरक्षाकृतॆ नमः । ॐ कल्याण गुरवॆ नमः ।
ॐ उन्मत्त वॆषाय नमः । ॐ अपराजितॆ नमः ।
ॐ समस्त जगदाधाराय नमः । ॐ सर्वैश्वर्य प्रदाय नमः ।
ॐ आक्रांत चिद चित्प्रभवॆ नमः । ॐ श्री विघ्नॆश्वराय नमः ॥ १०८ ॥
॥ इति श्री गणॆशाष्टॊत्तर शतनामावलिः संपूर्णम् ॥
गणॆश अष्टॊत्तर शत नामावळि
ॐ विघ्नराजाय नमः । ॐ विनायकाय नमः ।
ॐ द्वैमातुराय नमः । ॐ द्विमुखाय नमः ।
ॐ प्रमुखाय नमः । ॐ सुमुखाय नमः ।
ॐ कृतिनॆ नमः । ॐ सुप्रदीपाय नमः ॥ १० ॥
ॐ सुख निधयॆ नमः । ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।
ॐ सुरारिघ्नाय नमः । ॐ महागणपतयॆ नमः ।
ॐ मान्याय नमः । ॐ महा कालाय नमः ।
ॐ महा बलाय नमः । ॐ हॆरंबाय नमः ।
ॐ लंब जठराय नमः । ॐ ह्रस्वग्रीवाय नमः ॥ २० ॥
ॐ महॊदराय नमः । ॐ मदॊत्कटाय नमः ।
ॐ महावीराय नमः । ॐ मंत्रिणॆ नमः ।
ॐ मंगळ स्वरूपाय नमः । ॐ प्रमॊदाय नमः ।
ॐ प्रथमाय नमः । ॐ प्राज्ञाय नमः ।
ॐ विघ्नकर्त्रॆ नमः । ॐ विघ्नहंत्रॆ नमः ॥ ३० ॥
ॐ विश्व नॆत्रॆ नमः । ॐ विराट्पतयॆ नमः ।
ॐ श्रीपतयॆ नमः । ॐ वाक्पतयॆ नमः ।
ॐ शृंगारिणॆ नमः । ॐ अश्रित वत्सलाय नमः ।
ॐ शिवप्रियाय नमः । ॐ शीघ्रकारिणॆ नमः
ॐ शाश्वताय नमः । ॐ बलाय नमः ॥ ४० ॥
ॐ बलॊत्थिताय नमः । ॐ भवात्मजाय नमः ।
ॐ पुराण पुरुषाय नमः । ॐ पूष्णॆ नमः ।
ॐ पुष्करॊत्षिप्त वारिणॆ नमः । ॐ अग्रगण्याय नमः ।
ॐ अग्रपूज्याय नमः । ॐ अग्रगामिनॆ नमः ।
ॐ मंत्रकृतॆ नमः । ॐ चामीकर प्रभाय नमः ॥ ५० ॥
ॐ सर्वाय नमः । ॐ सर्वॊपास्याय नमः ।
ॐ सर्व कर्त्रॆ नमः । ॐ सर्व नॆत्रॆ नमः ।
ॐ सर्वसिद्धि प्रदाय नमः । ॐ सर्व सिद्धयॆ नमः ।
ॐ पंचहस्ताय नमः । ॐ पर्वतीनंदनाय नमः ।
ॐ प्रभवॆ नमः । ॐ कुमार गुरवॆ नमः ॥ ६० ॥
ॐ अक्षॊभ्याय नमः । ॐ कुंजरासुर भंजनाय नमः ।
ॐ प्रमॊदात्त नयनाय नमः । ॐ मॊदकप्रियाय नमः . ।
ॐ कांतिमतॆ नमः । ॐ धृतिमतॆ नमः ।
ॐ कामिनॆ नमः । ॐ कपित्थवन प्रियाय नमः ।
ॐ ब्रह्मचारिणॆ नमः । ॐ ब्रह्मरूपिणॆ नमः ॥ ७० ॥
ॐ ब्रह्मविद्यादि दानभुवॆ नमः । ॐ जिष्णवॆ नमः ।
ॐ विष्णुप्रियाय नमः । ॐ भक्त जीविताय नमः ।
ॐ जित मन्मथाय नमः । ॐ ऐश्वर्य कारणाय नमः ।
ॐ ज्यायसॆ नम । ॐ यक्षकिन्नर सॆविताय नमः ।
ॐ गंगा सुताय नमः । ॐ गणाधीशाय नमः ॥ ८० ॥
ॐ गंभीर निनदाय नमः । ॐ वटवॆ नमः ।
ॐ अभीष्ट वरदाय नमः । ॐ ज्यॊतिषॆ नमः ।
ॐ भक्त निधयॆ नमः । ॐ भाव गम्याय नमः ।
ॐ मंगळ प्रदाय नमः । ॐ अव्यक्ताय नमः ।
ॐ अप्राकृत पराक्रमाय नमः । ॐ सत्य धर्मिणॆ नमः ॥ ९० ॥
ॐ सखयॆ नमः । ॐ सरसांबु निधये नमः ।
ॐ महॆशाय नमः । ॐ दिव्यांगाय नमः ।
ॐ मणिकिंकिणी मॆखलाय नमः । ॐ समस्त दॆवता मूर्तयॆ नमः ।
ॐ सहिष्णवॆ नमः । ॐ सततॊत्थिताय नमः ।
ॐ विघात कारिणॆ नमः । ॐ विश्वग्दृशॆ नमः ॥ १०० ॥
ॐ विश्वरक्षाकृतॆ नमः । ॐ कल्याण गुरवॆ नमः ।
ॐ उन्मत्त वॆषाय नमः । ॐ अपराजितॆ नमः ।
ॐ समस्त जगदाधाराय नमः । ॐ सर्वैश्वर्य प्रदाय नमः ।
ॐ आक्रांत चिद चित्प्रभवॆ नमः । ॐ श्री विघ्नॆश्वराय नमः ॥ १०८ ॥
॥ इति श्री गणॆशाष्टॊत्तर शतनामावलिः संपूर्णम् ॥
गणॆश अष्टॊत्तर शत नामावळि
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Author - Saroj Jangir
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