घड़लो थाम ले देवरिया कमर बल खाय
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
म्हारे अंग अड़ जाय,
देवरिया घडलो पड़ जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
मैं तन्ने बरजू रे देवर,
लांबी मत ना लाई ज्ये,
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला में,
खूटों सो रूप जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
देवरियो उतारे तो,
द्योरानी नट जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
मैं तन्ने बरजू रे देवर,
मोटी मत ना लाई ज्ये,
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला में,
गिंडी सी गुड़ जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
मैं तन्ने बरजू रे देवर,
काली मत ना लाइजे
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला में,
अंधियारों होय जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
में तने कहूं रे देवर
गोरी गोरी लाइजे
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला,
में दिवलो सो जुट जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
घड़लो सार ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
म्हारे अंग अड़ जाय,
देवरिया घडलो पड़ जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
म्हारे अंग अड़ जाय,
देवरिया घडलो पड़ जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
मैं तन्ने बरजू रे देवर,
लांबी मत ना लाई ज्ये,
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला में,
खूटों सो रूप जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
देवरियो उतारे तो,
द्योरानी नट जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
मैं तन्ने बरजू रे देवर,
मोटी मत ना लाई ज्ये,
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला में,
गिंडी सी गुड़ जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
मैं तन्ने बरजू रे देवर,
काली मत ना लाइजे
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला में,
अंधियारों होय जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
में तने कहूं रे देवर
गोरी गोरी लाइजे
कोई आवे रे,
कोई आवे रंग महला,
में दिवलो सो जुट जाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय।
घड़लो सार ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
म्हारे अंग अड़ जाय,
देवरिया घडलो पड़ जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
घड़लो थाम ले देवरिया,
कमर बल खाय,
नीम की नीमोळी,
म्हारे अंग अड़ जाय,
म्हारे अंग अड़ जाय,
देवरिया घडलो पड़ जाय,
नीम की डाली के म्हारी,
दोघड़ अड़ जाय।
Ghadlo Tham Le Devariya | New Rajasthani DJ Song | Marwadi Holi Song | Veena Music
नायिका की चंचलता- नायिका की चंचलता हिंदी साहित्य में एक प्रमुख विषय रहा है। नायिका को अक्सर एक चंचल और उच्छृंखल व्यक्तित्व के रूप में चित्रित किया जाता है। उसकी चंचलता कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि उसका युवावस्था, उसकी स्वतंत्रता, या उसका प्रेम। युवावस्था- नायिका की चंचलता अक्सर उसकी युवावस्था के कारण होती है। युवावस्था में, व्यक्ति अपनी पहचान और अपनी जगह को खोजने की कोशिश कर रहा होता है। इस दौरान वह अक्सर उच्छृंखल और चंचल हो जाता है।
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