होली खेलन राधा आई रे भजन
होली खेलन राधा आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
श्याम बिहारी,
घनश्याम बिहारी,
रुत रंगा की आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
घिस घिस केसर रंग बनाया,
भांत भांत का इतर मिलाया,
दिल में उमींगे छाई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
ग्वाल बाल सब सखियाँ आई,
कह नवी को श्याम कन्हाई,
अपना होश समाई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
आज श्याम नहीं बच पाओगे,
छुप कर हमसे किट जाओगे,
नंदू अर्ज लगाई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
होली खेलण राधा आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
श्याम बिहारी,
घनश्याम बिहारी,
रुत रंगा की आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
आओ श्याम बिहारी,
श्याम बिहारी,
घनश्याम बिहारी,
रुत रंगा की आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
घिस घिस केसर रंग बनाया,
भांत भांत का इतर मिलाया,
दिल में उमींगे छाई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
ग्वाल बाल सब सखियाँ आई,
कह नवी को श्याम कन्हाई,
अपना होश समाई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
आज श्याम नहीं बच पाओगे,
छुप कर हमसे किट जाओगे,
नंदू अर्ज लगाई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
होली खेलण राधा आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
श्याम बिहारी,
घनश्याम बिहारी,
रुत रंगा की आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
होली खेलण राधा आई रै,
आओ श्यामबिहारी,
श्याम बिहारी,
घन श्याम बिहारी,
रुत रंगा की आई रे,
आओ श्याम बिहारी,
होली खेलन राधा आई रे।
होली खेलन राधा आई रे | होली का स्पेशल भजन | Radha - Krishna Bhajan | Nand Kishor Sharma (Nandu Ji)
यह भजन भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम को मनाता है। भजन में, राधा कृष्ण से होली खेलने के लिए कहती है। वह कहती है कि उसने रंग बनाया है और वह कृष्ण के साथ खेलने के लिए उत्साहित है। भजन के पहले दो श्लोकों में, राधा कृष्ण को बुलाती है और बताती है कि वह होली खेलने के लिए तैयार है। वह कहती है कि उसने केसर के रंग को घिसकर बनाया है और उसमें तरह-तरह के इत्र मिलाए हैं। वह कहती है कि उसके दिल में होली खेलने की उम्मीदें भरी हुई हैं।
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Author - Saroj Jangir
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