कभी धूप तो कभी छाँव लिरिक्स Kabhi Dhoop To Kabhi Chhanv
सुख दुख दोनो रहते जिसमे जीवन है वो गाँव कभी धूप कभी छाव कभी धूप तो कभी छाव उपर वाला पासा फेंके नीचे चलते दाँव कभी धुप कभी छाव कभी धूप तो कभी छाव भले भी दिन आते जगत में बुरे भी दिन आते भले भी दिन आते जगत में बुरे भी दिन आते
कड़वे मीठे फल करम के यहाँ सभी पाते, कभी सीधे कभी उलटे पड़ते अजब समय के पाँव कभी धुप कभी छाव कभी धूप तो कभी छाव क्या खुशियाँ क्या गम ये सब मिलते बारी बारी, क्या खुशियाँ क्या गम ये सब मिलते बारी बारी मलिक की मर्ज़ी पे चलती ये दुनिया सारी
devotional Bhajan Lyrics in Hindi
ध्यान से खेना जग नदिया में बंदे अपनी नाव कभी धुप कभी छाव कभी धूप तो कभी छाव सुख दुख दोनो रहते जिसमे, जीवन है वो गाँव, कभी धूप कभी छाव कभी धुप तो कभी छाव उपर वाला पासा फेंके नीचे चलते दाँव कभी धूप तो कभी छाव कभी धूप तो कभी छाव
इस भजन के बारे में : फिल्म का नाम : कभी धूप कभी छाँव गायक कलाकार का नाम : राम चंद्र बारयांजी द्विवेदी "कवि प्रदीप " संगीतकार : चित्रगुप्ता श्रीवास्तव डायरेक्टर : चंद्रकांत रिलीज़ डेट : २४ अक्तूबर १९७१
सुख दुख दोनो रहते जिसमे जीवन है वो गाँव कभी धूप कभी छाव कभी धूप तो कभी छाव
Kabhi Dhoop Kabhi Chhaon
भजन का पहला लाइन कहता है कि जीवन एक गाँव है जिसमें सुख और दुख दोनों रहते हैं। इसका मतलब है कि जीवन में उतार-चढ़ाव होते हैं। सुख के दिनों के बाद दुख के दिन आते हैं और दुख के दिनों के बाद सुख के दिन आते हैं। गायक कलाकार का नाम: राम चंद्र बारयांजी द्विवेदी "कवि प्रदीप" संगीतकार: चित्रगुप्ता श्रीवास्तव डायरेक्टर: चंद्रकांत रिलीज़ डेट: 24 अक्टूबर 1971 भजन का नाम: "सुख दुख दोनो रहते जिसमे"