कबीर के दोहे हिंदी में Kabir Dohe in Hindi दोहे दोहावली कबीर दास के दोहे हिन्दी
चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह।
जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥
माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय॥
माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर ।
कर का मन का डार दे, मन का मनका फेर ॥
तिनका कबहुँ ना निंदये, जो पाँव तले होय ।
कबहुँ उड़ आँखो पड़े, पीर घानेरी होय ॥
गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय ।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय ॥
सुख मे सुमिरन ना किया, दु:ख में करते याद ।
कह कबीर ता दास की, कौन सुने फरियाद ॥
साईं इतना दीजिये, जा मे कुटुम समाय ।
मैं भी भूखा न रहूँ, साधु ना भूखा जाय ॥
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय ॥
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- धन्य तेरी करतार कला का लिरिक्स मीनिंग Dhany Teri Kartaar Kala Ka Lyrics Meaning
- जगत में कोई ना परमानेंट लिरिक्स मीनिंग Jagat Me Koi Na Paramanent Lyrics Meaning
- फकीरी अलबेला को खेल लिरिक्स Fakeeri Albela Ro Khel Lyrics
- मत कर माया को अहंकार लिरिक्स मीनिंग Mat Kar Maya Ko Ahankaar Lyrics Meaning
- साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम लिरिक्स Sanso Ki Mala Pe Hina Nasrullah
- मेरी चुनरी के लाग्या दाग़ पिया लिरिक्स Meri Chunari Ke Laga Daag Piya Lyrics Meaning
- कबीर अमृतवाणी लिरिक्स मीनिंग Kabir Amritvani Lyrics Meaning Hindi
- पिया के फ़िकर में होइ रे दीवानी लिरिक्स मीनिंग Piya Ke Fikar Me Hoi Re Diwani Lyrics
- जेठ माह गरमी को महीनो भजन लिरिक्स मीनिंग Jeth Maas Garami Ko Mahino Lyrics Meaning Hindi