धन्य तेरी करतार कला का मीनिंग Dhany Teri Kartaar Kala Ka Meaning Prahlaad Singh Tipaniya Bhajan
साहेब तमारी साहेबी,सब घट रही समाय,
जो मेहंदी के पाथ में, लाली लखी ना जाए।
लाली मेरे लाल की, जीत देखी ऊत लाल,
लाली देखन में गयी , तो में भी हो गयी लाल।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
निराकार भी होकर स्वामी,
सबका तू पालन करता है,
निराकार निर्बधन स्वामी,
जनम मरण नहीं धरता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
तेरी सत्ता का खेल निराला,
बिरला ही मेहरम पाता है,
जिन पर कृपा भई निज तेरी,
तू वाको दरश दिखाता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
ऋषि मुनि और सन्त महात्मा,
निश दिन ध्यान लगाता है,
चार खान चौरासी के माहि,
तू हीं नजर एक आता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
पत्ते पत्ते पर रोशनी तेरी,
बिजली सी चमक दिखाता है ,
चकित भया मन बुद्धि तेरी,
जीवादास गुण गाता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
जो मेहंदी के पाथ में, लाली लखी ना जाए।
लाली मेरे लाल की, जीत देखी ऊत लाल,
लाली देखन में गयी , तो में भी हो गयी लाल।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
निराकार भी होकर स्वामी,
सबका तू पालन करता है,
निराकार निर्बधन स्वामी,
जनम मरण नहीं धरता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
तेरी सत्ता का खेल निराला,
बिरला ही मेहरम पाता है,
जिन पर कृपा भई निज तेरी,
तू वाको दरश दिखाता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
ऋषि मुनि और सन्त महात्मा,
निश दिन ध्यान लगाता है,
चार खान चौरासी के माहि,
तू हीं नजर एक आता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
पत्ते पत्ते पर रोशनी तेरी,
बिजली सी चमक दिखाता है ,
चकित भया मन बुद्धि तेरी,
जीवादास गुण गाता है।
धन्य तेरी करतार कला का,
पार नहीं कोई पाता है।
साहेब तमारी साहेबी,सब घट रही समाय : साहेब (स्वामी) आपकी साहेबी (प्रताप, प्रभाव) सभी घट में समा है। सभी के हृदय में आप समाए हुए हैं।
जो मेहंदी के पाथ में, लाली लखी ना जाए : जैसे मेहंदी की झाडी/पौधे की पत्तियों में लालिमा व्याप्त होती है, उसे वर्णन नहीं किया जा सकता है, ऐसे ही ईश्वर सम्पूर्ण जगत में व्याप्त है उसे परिभाषित करना आसान नहीं है।
लाली मेरे लाल की, जीत देखी ऊत लाल : मेरे ईश्वर की कृपा चारों तरफ व्याप्त है।
लाली देखन में गयी , तो में भी हो गयी लाल : मैं भी इस चंगाई को देखने के लिए गई तो मैं स्वंय भी उसी का हिस्सा होकर रह गई।
धन्य तेरी करतार कला का, पार नहीं कोई पाता है : हे करतार, ईश्वर आपकी कला/कार्य धन्य हैं जिनका कोई पार नहीं पा सकता है।
निराकार भी होकर स्वामी, सबका तू पालन करता है : ईश्वर जो निराकार है, सर्वत्र होकर भी सभी का पालन करता है, ध्यान रखता है।
निराकार निर्बधन स्वामी : ईश्वर का कोई आकार नहीं है, वह तमाम बंधनों से मुक्त है।
जनम मरण नहीं धरता है : वह जन्म और मरण के फेर में नहीं पड़ता है।
धन्य तेरी करतार कला का, पार नहीं कोई पाता है : धन्य है स्वामी तेरी कला का जिसका कोई पार नहीं पा सकता है, जिसे कोई समझ नहीं सकता है।
जो मेहंदी के पाथ में, लाली लखी ना जाए : जैसे मेहंदी की झाडी/पौधे की पत्तियों में लालिमा व्याप्त होती है, उसे वर्णन नहीं किया जा सकता है, ऐसे ही ईश्वर सम्पूर्ण जगत में व्याप्त है उसे परिभाषित करना आसान नहीं है।
लाली मेरे लाल की, जीत देखी ऊत लाल : मेरे ईश्वर की कृपा चारों तरफ व्याप्त है।
लाली देखन में गयी , तो में भी हो गयी लाल : मैं भी इस चंगाई को देखने के लिए गई तो मैं स्वंय भी उसी का हिस्सा होकर रह गई।
धन्य तेरी करतार कला का, पार नहीं कोई पाता है : हे करतार, ईश्वर आपकी कला/कार्य धन्य हैं जिनका कोई पार नहीं पा सकता है।
निराकार भी होकर स्वामी, सबका तू पालन करता है : ईश्वर जो निराकार है, सर्वत्र होकर भी सभी का पालन करता है, ध्यान रखता है।
निराकार निर्बधन स्वामी : ईश्वर का कोई आकार नहीं है, वह तमाम बंधनों से मुक्त है।
जनम मरण नहीं धरता है : वह जन्म और मरण के फेर में नहीं पड़ता है।
धन्य तेरी करतार कला का, पार नहीं कोई पाता है : धन्य है स्वामी तेरी कला का जिसका कोई पार नहीं पा सकता है, जिसे कोई समझ नहीं सकता है।
तेरी सत्ता का खेल निराला, बिरला ही मेहरम पाता है : हे ईश्वर आपकी सत्ता/राज का कोई भेद प्राप्त नहीं कर पाया हर और यह अत्यंत ही निराला, अद्भुद है। बिरला व्यक्ति ही आपकी लीलाओं का भेद प्राप्त कर पाता है।
जिन पर कृपा भई निज तेरी, तू वाको दरश दिखाता है : आपकी कृपा जिस व्यक्ति पर होती है वही आपके दर्शन को प्राप्त कर पाता यही और आपकी लीलाओं को समझ पाता है।
ऋषि मुनि और सन्त महात्मा, निश दिन ध्यान लगाता है, : ऋषि मुनि और संत महात्मा नित्य ही आपका ध्यान लगाते हैं।
चार खान चौरासी के माहि, तू हीं नजर एक आता है : चारों तरफ चौरासी, जीवन में आप ही नजर आते हैं, व्याप्त हैं।
पत्ते पत्ते पर रोशनी तेरी, बिजली सी चमक दिखाता है : हरेक पत्ते पर आपका ही नूर है और बिजली की भांति आपके रौशनी सर्वत्र व्याप्त है।
चकित भया मन बुद्धि तेरी, जीवादास गुण गाता है : जीवादास जी महाराज चकित होकर आपकी महिमा का गुणगान करते हैं।
जिन पर कृपा भई निज तेरी, तू वाको दरश दिखाता है : आपकी कृपा जिस व्यक्ति पर होती है वही आपके दर्शन को प्राप्त कर पाता यही और आपकी लीलाओं को समझ पाता है।
ऋषि मुनि और सन्त महात्मा, निश दिन ध्यान लगाता है, : ऋषि मुनि और संत महात्मा नित्य ही आपका ध्यान लगाते हैं।
चार खान चौरासी के माहि, तू हीं नजर एक आता है : चारों तरफ चौरासी, जीवन में आप ही नजर आते हैं, व्याप्त हैं।
पत्ते पत्ते पर रोशनी तेरी, बिजली सी चमक दिखाता है : हरेक पत्ते पर आपका ही नूर है और बिजली की भांति आपके रौशनी सर्वत्र व्याप्त है।
चकित भया मन बुद्धि तेरी, जीवादास गुण गाता है : जीवादास जी महाराज चकित होकर आपकी महिमा का गुणगान करते हैं।
धन्य तेरी करतार कला का || Dhanya teri Kartar kala ka ||
Saaheb Tamaari Saahebi,sab Ghat Rahi Samaay,
Jo Mehandi Ke Paath Mein, Laali Lakhi Na Jae.
Laali Mere Laal Ki, Jit Dekhi ut Laal,
Laali Dekhan Mein Gayi , To Mein Bhi Ho Gayi Laal.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Niraakaar Bhi Hokar Svaami,
Sabak Tu Paalan Karata Hai,
Niraakaar Nirbadhan Svaami,
Janam Maran Nahin Dharata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Teri Satta Ka Khel Niraala,
Birala Hi Meharam Paata Hai,
Jin Par Krpa Bhi Nij Teri,
Tu Vaako Darash Dikhaata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Rshi Muni Aur Sant Mahaatma,
Nish Din Dhyaan Lagaata Hai,
Chaar Khaan Chauraasi Ke Maahi,
Tu Hin Najar Ek Aata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Patte Patte Par Roshani Teri,
Bijali Si Chamak Dikhaata Hai ,
Chhakit Bhaya Man Buddhi Teri,
Jivaadaas Gun Gaata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Jo Mehandi Ke Paath Mein, Laali Lakhi Na Jae.
Laali Mere Laal Ki, Jit Dekhi ut Laal,
Laali Dekhan Mein Gayi , To Mein Bhi Ho Gayi Laal.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Niraakaar Bhi Hokar Svaami,
Sabak Tu Paalan Karata Hai,
Niraakaar Nirbadhan Svaami,
Janam Maran Nahin Dharata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Teri Satta Ka Khel Niraala,
Birala Hi Meharam Paata Hai,
Jin Par Krpa Bhi Nij Teri,
Tu Vaako Darash Dikhaata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Rshi Muni Aur Sant Mahaatma,
Nish Din Dhyaan Lagaata Hai,
Chaar Khaan Chauraasi Ke Maahi,
Tu Hin Najar Ek Aata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Patte Patte Par Roshani Teri,
Bijali Si Chamak Dikhaata Hai ,
Chhakit Bhaya Man Buddhi Teri,
Jivaadaas Gun Gaata Hai.
Dhany Teri Karataar Kala Ka,
Paar Nahin Koi Paata Hai.
Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya
Chours : Ashok Tipaniya, Vijay Tipaniya
Violin : Devnarayan Saroliya
Dholak : Ajay Tipaniya
Harmonium : Dharmandra Tipaniya
Chours : Ashok Tipaniya, Vijay Tipaniya
Violin : Devnarayan Saroliya
Dholak : Ajay Tipaniya
Harmonium : Dharmandra Tipaniya
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