मेरे मन को भाई है तदबीर कन्हैया की

मेरे मन को भाई है तदबीर कन्हैया की

 
मेरे मन को भाई है तदबीर कन्हैया की लिरिक्स Mere Man Ki Bhayi Hai Tadbeer Lyrics

मेरे मन को भाई है,
तदबीर कन्हैया की,
मेरे दिल के शीशे में जड़ गई,
तश्वीर कन्हैया की।

मैंने बसाया तुझको,
अपनी निग़ाहों में,
आजा प्यारे आके भर ले,
एक बार बाहों में,
वो मेरा दिलबर है,
वो मेरा दिलबर है,
मैं ज़ागीर कन्हैया की,
मेरे दिल के शीशे में जड़ गई,
तश्वीर कन्हैया की।

मैं हूँ दीवानी तेरी,
तू ही बस प्राण मेरा,
कोरा है काजग दिल ये,
लिख लिया नाम तेरा,
खिंच ली है दिल पे,
खिंच ली है दिल पे,
ये लकीर कन्हैया की,
मेरे दिल के शीशे में जड़ गई,
तश्वीर कन्हैया की।

रूप के भंवर में प्यारे,
ऐसा उलझाया तूने,
कौन हूँ कहाँ से आई,
सब कुछ भुलाया तूने,
भस्मी रमा के,
भस्मी रमा के,
हूँ फ़क़ीर कन्हैया की,
मेरे दिल के शीशे में जड़ गई,
तश्वीर कन्हैया की।

काली कमली वाले मेरे,
दिल की पुकार सुनले,
चरणों की दासी हूँ मैं,
एक बार बांह पकड़ ले,
सांसो की माला में,
सांसो की माला में,
आखिर कन्हैया की,
मेरे दिल के शीशे में जड़ गई,
तश्वीर कन्हैया की।

मेरे मन को भाई है,
तदबीर कन्हैया की,
मेरे दिल के शीशे में जड़ गई,
तश्वीर कन्हैया की। 
 

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