नवग्रह स्त्रोत संस्कृत-हिंदी स्त्रोत Navagraha Stotra Meaning Lyrics

नवग्रह स्त्रोत संस्कृत-हिंदी स्त्रोत Navagraha Stotra

 
नवग्रह स्त्रोत संस्कृत-हिंदी स्त्रोत Navagraha Stotra Meaning Lyrics

नवग्रह स्तोत्र संस्कृत में है और इसे श्री व्यास ऋषि ने लिखा है। इस स्तोत्र में नौ ग्रहों के नौ मंत्र शामिल हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से सभी परेशानियाँ, कठिनाइयाँ हमारे जीवन से दूर हो जाती हैं। बुरे सपने नहीं आते, हमारे जीवन से सभी प्रकार के दुःख भी दूर हो जाते हैं। हम प्रचुर सुख प्राप्त करते हैं, धन और समृद्ध होते हैं और एक ध्वनि, अच्छा स्वास्थ्य होता है। हमें विश्वास, भक्ति और एकाग्रता के साथ प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करना है। 

नवग्रह स्तोत्रम के नियमित जप से सकारात्मक स्पंदन उत्पन्न होता है और संबंधित ग्रहों को जाप के लिए अनुकूल परिणाम देने का निर्देश मिलता है। संबंधित ग्रह देवता के अनुसार विशिष्ट दिनों में नवग्रह मंत्र का पाठ करना होता है। मसलन, सोमवार को चंद्र मंत्र का जाप करना चाहिए और रविवार को सूर्य मंत्र का अभ्यास करना चाहिए। ये मंत्र ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम करने और उनके सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने में मदद करते हैं। अभ्यासी को मन की शांति मिलती है और वह किसी भी बुराई से दूर रहता है। 
 
हर दिन नवग्रह स्तोत्रम का अभ्यास आपको स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बना सकता है। नवग्रह स्तोत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो नौ ग्रहों की पूजा और आराधना करता है। यह स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की परेशानियों और कठिनाइयों से मुक्ति पाने और प्रचुर सुख, धन प्राप्त करने और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करता है। नवग्रह स्तोत्र का पाठ करने से पहले, भक्त को पूर्ण विश्वास और भक्ति के साथ तैयार होना चाहिए। भक्त को ग्रहों के देवताओं के प्रति आदर और सम्मान रखना चाहिए। ग्रह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालते हैं। हमारे जन्म के समय, ग्रहों की स्थिति हमारे जीवन में आने वाली घटनाओं को निर्धारित करती है। यदि किसी ग्रह की स्थिति प्रतिकूल है, तो यह हमारे जीवन में परेशानियों और कठिनाइयों का कारण बन सकता है।

हालांकि, यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ग्रह केवल हमारे कर्मों के दर्पण हैं। हम जो भी कर्म करते हैं, उसका परिणाम हमें ग्रहों के माध्यम से मिलता है। यदि हम अच्छे कर्म करते हैं, तो हमें अच्छे फल मिलेंगे। यदि हम बुरे कर्म करते हैं, तो हमें बुरे फल मिलेंगे। नवग्रह स्तोत्र का पाठ करने से हमें अपने कर्मों का फल बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। यह हमें सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

नवग्रह स्त्रोत संस्कृत-हिंदी स्त्रोत Navagraha Stotra संस्कृत-हिंदी स्त्रोत | स्त्रोत लिरिक्स हिन्दी

अथ नवग्रह स्तोत्र II
श्री गणेशाय नमः II  
जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महद्युतिम्
तमोऽरि सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् |

दधिशणखतुषाराभं क्शीरोदार्णवसंभवम्
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम् |

धरणीगर्भसंभूतं विद्युत्कान्तिसमप्रभम्
कुमारं शक्तिहस्तं च मणगलं प्रणमाम्यहम् |

प्रियङगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम् |

देवानां च ऋषीणां च गुरुं काज्ञ्चनसंनिभम्
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् |

हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्
सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम् |

नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम् |

अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम् |

पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रहमस्तकम्
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम् |

Full Navgraha Mantra With Lyrics | नवग्रह स्तोत्र / नवग्रह मंत्र | Full Navagraha Stotram



नवग्रह स्तोत्र (Navagraha Stotra) का पाठ करने से लाभ

वग्रह स्तोत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो नौ ग्रहों की पूजा और आराधना करता है। यह स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की परेशानियों और कठिनाइयों से मुक्ति पाने और प्रचुर सुख, धन प्राप्त करने और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करता है। नवग्रह स्तोत्र का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
  • ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है, जिससे हमारे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  • आध्यात्मिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  • करियर और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है।
  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
नवग्रह स्तोत्र के अन्य लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं:
  • नवग्रहों को शांत करता है।
  • ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
  • सकारात्मक स्पंदन उत्पन्न करता है।
  • संबंधित ग्रहों को अनुकूल परिणाम देने के लिए प्रार्थना करता है।
  • बुरे कर्म प्रभाव को शांत करता है।
  • जातक की मानसिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
  • मन की शांति प्रदान करता है।
  • बुरे विचारों से बचाता है।
  • स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनाता है।
नवग्रह स्तोत्र का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा समय प्रातःकाल स्नान के बाद है। इस समय मन शांत और एकाग्र होता है। नवग्रहों के चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर नवग्रह स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। स्तोत्र का पाठ कम से कम एक माला (108 बार) करना चाहिए। नवग्रह स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

नवग्रहों का महत्व

नवग्रह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालते हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • व्यक्तित्व: नवग्रह हमारे व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं, जैसे कि हमारी बुद्धि, हमारे गुण और हमारे दोष।
  • जीवन के क्षेत्र: नवग्रह हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं, जैसे कि हमारा करियर, हमारा रिलेशनशिप और हमारा स्वास्थ्य।
  • भाग्य: नवग्रह हमारे भाग्य को भी प्रभावित करते हैं।

यदि हमारे जीवन में नवग्रहों का प्रभाव शुभ है, तो हमें शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। लेकिन यदि यह हमारे विरुद्ध है, तो हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

नवग्रहों के प्रति समर्पण और आभार रखने से हमें उनके शुभ प्रभावों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। हम नवग्रहों की पूजा और आराधना करके, उनके मंत्रों का जाप करके, और उनके उपाय करके उनके प्रति समर्पण और आभार प्रकट कर सकते हैं।

यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो हम नवग्रहों के शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं:
  • नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। नवग्रह स्तोत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो नवग्रहों की पूजा और आराधना करता है।
  • नवग्रहों के मंत्रों का जाप करें। प्रत्येक ग्रह के अपने मंत्र होते हैं जो उनके शुभ प्रभावों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
  • नवग्रहों के उपाय करें। प्रत्येक ग्रह के लिए कुछ उपाय हैं जो उनके शुभ प्रभावों को बढ़ा सकते हैं।

नवग्रह हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, और हमें उनके प्रति सम्मान और आदर रखना चाहिए।

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

एक टिप्पणी भेजें